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छत्तीसगढ़ सूरजपुर जिले की गोबरी नदी पर बना जर्जर और क्षतिग्रस्त पुल, जो लंबे समय से ग्रामीणों के लिए खतरे का सबब बना हुआ था, अब जिला प्रशासन के एक्शन मोड में आने से सुर्खियों में है। द सूत्र द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लिया। कलेक्टर एस. जयवर्धन ने स्वयं मौके पर पहुंचकर पुल की स्थिति का जायजा लिया और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
हादसे के डर में जी रहे ग्रामीण
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि गोबरी नदी पर बना यह पुल न केवल जर्जर हो चुका है, बल्कि मानसून की बारिश के कारण इसकी बाउंड्री वॉल टूट गई है और कई जगहों पर दरारें व धंसाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। यह पुल सूरजपुर को शिवप्रसाद नगर, डबरीपारा, भंवराही, बांसापारा जैसे कई गांवों से जोड़ता है और हजारों ग्रामीणों की आवाजाही का प्रमुख माध्यम है। जर्जर स्थिति के कारण ग्रामीण हर पल हादसे के डर में जी रहे हैं।
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जांच टीम गठित, वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था
कलेक्टर एस. जयवर्धन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने भैयाथान तहसीलदार की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया, जो पुल की तकनीकी स्थिति का आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही, ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से वैकल्पिक मार्ग शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षतिग्रस्त पुल के दोनों ओर चेतावनी और खतरे के साइन बोर्ड लगाने का भी आदेश दिया, ताकि लोगों को जोखिम से आगाह किया जा सके।
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ग्रामीणों को हादसे का डर
गोबरी नदी का यह पुल न केवल आवागमन का प्रमुख रास्ता है, बल्कि कई गांवों के लिए जीवनरेखा भी है। मानसून की बारिश ने इसकी स्थिति को और दयनीय बना दिया है। टूटी बाउंड्री वॉल, दरारें और धंसाव के कारण ग्रामीणों में हर वक्त हादसे का डर बना रहता है। विशेष रूप से रात के समय और भारी वाहनों के आवागमन के दौरान स्थिति और भी जोखिम भरी हो जाती है।
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प्रशासन का भरोसा, जल्द होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर पुल की मरम्मत या पुनर्निर्माण को लेकर त्वरित निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही, वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था होने तक ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
द सूत्र की खबर का असर
द सूत्र द्वारा इस जर्जर पुल की स्थिति को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया कि जागरूक पत्रकारिता जनहित के मुद्दों को सामने लाने में अहम भूमिका निभा सकती है। ग्रामीणों ने भी इस खबर के लिए द सूत्र का आभार जताया और उम्मीद व्यक्त की कि जल्द ही उनकी समस्या का स्थायी समाधान होगा।
ग्रामीणों में जगी उम्मीद
प्रशासन की इस पहल से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है, लेकिन सभी की नजरें अब जांच टीम की रिपोर्ट और उस पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं। गोबरी नदी के इस पुल का मसला न केवल सूरजपुर के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सबक है कि समय रहते बुनियादी ढांचे की मरम्मत और रखरखाव कितना जरूरी है। ग्रामीणों की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रशासन के अगले कदम निर्णायक होंगे।
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