CG Politics News : नवा रायपुर के नए सीएम हाउस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शिफ्ट हो गए हैं। नए सीएम हाउस में साय ने दीपावली मिलन समारोह भी कर लिया है। सीएम की शिफ्टिंग के बाद अब मंत्री भी नवा रायपुर की तरफ दौड़ लगाने लगे हैं। नवा रायपुर के आलीशान बंगलों में शिफ्ट होने से परहेज बरतने वाले मंत्री अब बंगला आवंटन के लिए संपदा विभाग को लिखने लगे हैं।
यहां पर 500 करोड़ में मंत्रियों के लिए बंगले तैयार किए गए हैं लेकिन अब तक यहां पर सिर्फ एक मंत्री ने ही आमद दी है। मंत्रियों यहां निवास करने में रुचि नहीं दिखा रहे थे लेकिन अब सीएम के शिफ्ट होने के बाद मंत्री भी यहां पर बंगला आवंटन की मांग करने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो नए साल तक नवा रायपुर में मंत्रियों का गृह प्रवेश हो जाएगा।
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नेताम के बाद चार और मंत्री कतार में
छत्तीसगढ़ सरकार नवा रायपुर को एनसीआर की तर्ज पर एससीआर यानी स्टेट कैपिटल रीजन बनाना चाहती है। सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से अलग से बजट भी मांगा है। नवा रायपुर में 500 करोड़ खर्च कर सरकारी आलीशान बंगले बनाए गए हैं। ये बंगले मंत्रियों और आला अफसरों के लिए बनाए गए हैं। बंगले बनकर तैयार हैं। लेकिन अब तक इसमें रहने वाले नहीं आए हैं। यहां पर एक अदद मंत्री की ही नेम प्लेट नजर आती है।
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यानी कुल जमा एक मंत्री रामविचार नेताम ही नवा रायपुर के बंगले में शिफ्ट हुए हैं। लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं क्योंकि यहां पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का नए सीएम हाउस में गृह प्रवेश हो गया है। सीएम के नए सीएम हाउस में शिफ्ट होने के बाद अब मंत्री भी नवा रायपुर के बंगलों में शिफ्ट होने के लिए दौड़ लगाने लगे हैं। रामविचार नेताम के बाद चार और मंत्री यहां पर शिफ्टिंग की तैयारी कर रहे हैं। वन मंत्री केदार कश्यप ने भी आज ही गृह प्रवेश की रस्म पूरी कर ली है।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने संपदा विभाग को लिखकर नवा रायपुर में अपने लिए बंगला आवंटित करा लिया है। इसके अलावा खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को भी यहां पर बंगला अलॉट हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि नए साल में विष्णु के मंत्री नवा रायपुर के बंगलों में गृह प्रवेश कर लेंगे। यानी नए साल में मंत्रियों का पता बदल जाएगा।
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मंत्रियों के बंगले जनता के लिए दूर की कौड़ी
नवा रायपुर के सेक्टर 24 में मंत्रियों के बंगले बनाए गए हैं। एक बंगला डेढ़ एकड़ एरिया में बनाया गया है। ये सरकारी आवास आलीशान और भव्य बनाए गए हैं। यहां पर मंत्रियों और आला अफसरों को रहना है। यहां पर 500 करोड़ की लागत से 92 बंगले बनाए गए हैं। इनमें 14 बंगले मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के लिए और 78 बंगले अफसरों के लिए ही बनाए गए हैं।
इन बंगलों में शिफ्ट होने के बाद मंत्रियों का पता बदल जाएगा। मंत्रियों का पता बदलने के बाद आम लोगों को परेशानी बढ़ जाएगी। ये बंगले जनता के लिए दूर की कौड़ी हो जाएंगे। अपनी शिकायत और आवेदन लेकर मंत्रियों के पास जाने वाले लोगों को अब 30 किलोमीटर दूर नवा रायपुर जाना पड़ेगा। हालांकि विचार ये भी किया जा रहा है कि जनता से संवाद और संपर्क के लिए पुराने सरकारी निवास में भी दफ्तर संचालित होता रहे ताकि लोगों को परेशानी न उठानी पड़े।
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नवा रायपुर में सभी सरकारी ऑफिस
नवा रायपुर में सभी सरकारी ऑफिस हैं। राज्य मंत्रालय महानदी भवन, संचालनालय इंद्रावती भवन, मंडी बोर्ड, संवाद, सायबर सेल, एमएलए रेस्ट हाउस,पुलिस मुख्यालय समेत सभी सरकारी दफ्तर यहीं पर हैं। यहां पर नई विधानसभा, सीएम हाउस और राजभवन भी बनाया जा रहा है। तीन एकड़ में स्पीकर हाउस बनाया जा रहा है। वहीं साढ़े सात एकड़ में दो मंजिला सीएम हाउस भी तैयार हो गया है। 14 एकड़ में राजभवन तैयार किया जा रहा है। यहां पर सरकारी दफ्तर तो पहुंच चुके हैं लेकिन बसाहट नहीं बढ़ पा रही है।
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बंगलों के मेंटनेंस पर खर्च हो रहे लाखों
नवा रायपुर बसाने के पीछे सरकार का मकसद यही था कि यहां पर आबादी बढ़ेगी, निवेश आएगा और रोजगार के साधन बढ़ेंगे। वहीं रायपुर पर आबादी और ट्रेफिक का दवाब कम होगा। सरकारी वाहनों की आवाजाही से होने वाली ट्रेफिक जाम की शिकायत से भी निजात मिल जाएगी। बनकर तैयार खड़े इन बंगलों के मेंटनेंस पर लाखों रुपए महीने का खर्च हो रहा है।