अब छत्तीसगढ़ से भी डिजटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। राजधानी रायपुर में एक महिला डिजिटल अरेस्ट हो गई। इस दौरान महिला के खाते से साइबर ठगों के लाखों रुपए लूट लिए। यह पूरा मामला रायपुर के मोवा इलाके का है। ट्रेजरी कर्मी एम. वेंकटेश्वरलु की पत्नी, 58 वर्षीय एम.वी.एस.एस. लक्ष्मी के साथ साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का ऐसा जाल बिछाया कि महिला की 58 लाख रुपये की जीवनभर की पूंजी ठगों के हाथ लग गई।
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ठगों ने "डिजिटल अरेस्ट" का डर दिखाते हुए महिला को मुंबई क्राइम ब्रांच, सीबीआई और आरबीआई में फर्जीवाड़े के मामले में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद, ठगों ने उनका फोन हैक कर लिया और महिला को तीन दिनों तक बैंक में जाकर रकम अपने बताए खाते में ट्रांसफर करने को मजबूर कर दिया।
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ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, 3 से 8 नवंबर के बीच, ठगों ने फोन कॉल्स और व्हाट्सएप वीडियो कॉल्स के जरिए महिला पर मानसिक दबाव बनाकर उनकी पूरी बैंकिंग जानकारी हासिल की और उन्हें लगातार पैसे ट्रांसफर करने पर मजबूर किया। ठगों ने यह भी दावा किया कि उनके आधार नंबर का गलत इस्तेमाल कर, किसी ने मुंबई में 311 फर्जी बैंक खाते खोल दिए हैं, जिससे साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं और इसमें महिला का नाम भी शामिल हो सकता है। इन धमकियों के चलते महिला ने किसी को बिना बताए ठगों द्वारा निर्देशित खाते में रकम भेजती रहीं।
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आठवें दिन, ठगों ने ही उन्हें घटना की जानकारी अपनी बेटी को देने को कहा, जिससे यह खुलासा हुआ कि यह पूरी तरह से ठगी का मामला था। महिला ने तत्काल अपनी बेटी को पूरी घटना बताई, और मामला पंडरी थाने तक पहुंचा, जहां धारा 3(5) और 318(4) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पंडरी पुलिस ने महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है, और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस संगठित साइबर ठगी में कौन-कौन लोग शामिल हैं।
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