/sootr/media/media_files/2024/12/05/pdICk9ZaxzuRNVs8IviX.jpg)
Akanksha Bhardwaj Civil Judge : सिविल जज की नौकरी से हटाए जाने पर एक महिला ने खुद अपनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने वकील के रूप में खुद अपना केस लड़ा। दूसरों को तारीख देने वालीं जज जब पद से हट गईं तो उनको भी तारीख पर तारीख ही मिलीं। यही वजह है कि करीब सात साल लग गए उनके केस का फैसला होने में। क्या है पूरा मामला, आइए आपको बताते हैं विस्तार से।
नक्सली हमले में 1 जवान शहीद,BSF-DRG की टीम नक्सलियों के एंबुश में फंसी
नायब तहसीलदार रहे पंचभाई को हुआ IAS Award .... मध्य प्रदेश से है नाता
क्या है पूरा मामला, इस तरह समझिए
आकांक्षा भारद्वाज बिलासपुर के सरकंडा में रहती हैं। उनका साल 2012- 13 में परीक्षा के जरिए सिविल जज के पद पर चयन हुआ था। 27 दिसंबर 2013 को उन्होंने पदभार संभाला था। उनका आरोप है कि ज्वॉइनिंग के समय एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया। उनका कहना है कि नई- नई नौकरी होने की वजह से उन्होंने इस मामले की शिकायत नहीं की थी।
प्रशिक्षण के बाद साल 2014 में उन्होंने अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के रूप में कार्यभार संभाला। उनका आरोप है कि जब वह केस के संबंध में चर्चा करने के लिए वरिष्ठ न्यायायिक अफसर के पास जाती थीं, तो उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाता था। इस संबंध में उन्होंने पहले तो मौखिक शिकायत दर्ज कराई, इसके बाद लिखित में भी शिकायत दर्ज कराई।
IIM में 25 लाख रुपए कम रहा इस बार हाईएस्ट पैकेज, हर सेक्टर में गिरावट
KBC की हॉट सीट पर बैठा छत्तीसगढ़ का इंजीनियर, खटाखट दिए सारे जवाब
जांच में आरोप गलत साबित होने पर हटाया नौकरी से
आकांक्षा भारद्वाज की शिकायत पर हाईकोर्ट ने आंतरिक जांच कराई। इसमें इसकी साल 2016 में रिपोर्ट आई। इस जांच रिपोर्ट में महिला जज की शिकायत को गलत पाया गया। इसके बाद जनवरी 2017 में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया।
विधि विधायी विभाग के इस निर्णय को महिला जज ने सिंगल बेंच ने अपील दायर की। कोर्ट ने महिला जज के पक्ष में फैसला सुनाया। केस की पैरवी खुद आकांक्षा ने ही की। सिंगल बेंच के फैसले को विधि विधायी विभाग ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। डिवीजन बेंच ने विधि विधायी विभाग की अपील को खारिज करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराया है।
महासमुंद में सिविल जज के रूप में पदस्थापना का आदेश
डिवीजन बेंच के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आंकाक्षा भारद्वाज को सिविल जज महासमुंद के पद पर पदस्थापना आदेश जाारी किया है। करीब सात साल चली लंबी लड़ाई के बाद उन्हें अपना औहदा वापस मिल सका है।
FAQ