IPS GP Singh पर राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग केस में दर्ज तीनों FIR रद्द
IPS officer GP Singh : 1 जुलाई 2021 को ACB-EOW ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में जेपी सिंह से जुड़े स्थानों पर एक साथ छापा मारा था। जुलाई 2023 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
IPS officer GP Singh : राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति केस में फंसे आईपीएस जीपी सिंह को बड़ी राहत मिली है। यह राहत उन्हें बिलासपुर हाईकोर्ट ने दी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने उनके खिलाफ दर्ज तीनों FIR को निरस्त कर दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि परेशान करने के लिए जेपी सिंह को झूठे केस में फंसाया गया है। उपरोक्त तीनों केस में उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के 1994 बैच के IPS अधिकारी जीपी सिंह के खिलाफ 2021 में ACB ने सरकारी आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। ACB का कहना था कि छापेमारी में उनके यहां से 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए थे। इसके बाद जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ।
ज्ञात हो कि 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर अधिकारी IPS जीपी सिंह को CAT यानी केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण से बड़ी राहत मिल चुकी थी। CAT ने चार सप्ताह में जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर बहाल किए जाने का आदेश दिया था।
साल 2021 में सस्पेंड कर दिया गया था
जुलाई 2021 में जीपी सिंह को निलंबित किया गया। इसके कुछ दिनों बाद राजद्रोह का केस दर्ज हुआ। इसके अलावा उन पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप था।
ज्ञात हो कि 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में जेपी सिंह से जुड़े स्थानों पर एक साथ छापा मारा था।
उन पर रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों के लेन-देन का भी आरोप है। राजधानी रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का आरोप भी उन पर लगा था। इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को सस्पेंड कर दिया था।
छत्तीसगढ़ के 1994 बैच के IPS अधिकारी जीपी सिंह के खिलाफ 2021 में ACB ने सरकारी आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और उस समय राज्य की भूपेश बघेल की सरकार को गिराने का उन पर आरोप लगाया गया था। जुलाई 2023 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।