अनूपपुर-कटनी थर्ड रेल लाइन का काम पूरा , MP-CG को यह होगा बड़ा फायदा
इस परियोजना से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और अन्य पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। इस लाइन पर 17 स्टेशन हैं। इनमें एक जंक्शन स्टेशन अनूपपुर है। इसके अलावा सिंहपुर और विलायतकलां में दो यात्री हॉल्ट भी बनाए गए हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने मध्य प्रदेश में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन परियोजना के 165.52 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है।
इस परियोजना पर 2 हजार 311 करोड़ रुपए की लागत आई है। दुर्गम पहाड़ों और नदियों के बीच 27 बड़े और 108 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है। बिलासपुर रेलवे जोन के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने इसे रेलवे के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।
इस परियोजना से यात्री सुविधाओं में बड़ा बदलाव आएगा। ट्रेनों की गति बढ़ेगी और यात्रा अधिक सुरक्षित होगी। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना पूरे क्षेत्र के विकास में मददगार साबित होगी।
31 मार्च को इस परियोजना को कमीशन किया गया। बिलासपुर-कटनी मार्ग की यह तीसरी लाइन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख शहरों को उत्तर भारत से जोड़ेगी। इसके अंतिम खंड बीरसिंहपुर-नौरोजाबाद-करकेली-उमरिया (29.52 किमी) की सीआरएस निरीक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
रेल प्रशासन का कहना है कि इस परियोजना से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और अन्य पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। नई ट्रेनों के संचालन से पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। इस परियोजना में कुल 17 स्टेशन हैं, जिनमें एक जंक्शन स्टेशन अनूपपुर है। इसके अलावा सिंहपुर और विलायतकलां में दो यात्री हॉल्ट भी बनाए गए हैं।
अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन परियोजना के तहत कुल कितने किलोमीटर का कार्य पूरा हुआ है?
अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन परियोजना के तहत 165.52 किलोमीटर का कार्य पूरा हुआ है।
इस परियोजना पर कितनी लागत आई है ?
इस परियोजना पर 2 हजार 311 करोड़ रुपए की लागत आई है।
इस परियोजना से पर्यटन को किस तरह से लाभ होगा ?
इस परियोजना से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और अन्य पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा, जिससे पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।