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रायपुर. बीजेपी ने चुनाव से पहले रोजगार के बड़े वादे किए और सरकार बनने के बाद उन वादों को पूरा करने की बड़ी बड़ी बातें भी की गईं। लेकिन बेरोजगारों की हालत खस्ता है। द सूत्र ने रोजगार की पड़ताल की तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। सीएम के घर यानी गृह जिले में ही रोजगार पर कोई काम नहीं हुआ। सीएम के जिले में 56 हजार से ज्यादा पढ़े लिखे बेरोजगार हैं।
पिछले सवा साल में सरकार की तरफ से 87 लोगों को रोजगार दिलाया गया है। और ये 87 लोगों में करीब आधे तो सिक्युरिटी गार्ड बने हैं। सीएम साहब ये कैसा रोजगार है। या तो आपके जिले के युवा स्किल्ड नहीं हैं या फिर उनकी पढ़ाई लिखाई में कमी है। तभी तो सरकार के बुलाने पर सवा साल में चंद छोटी छोटी प्रायवेट एजेसिंया ही प्लेसमेंट कैंप लगाने आईं।
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56 हजार बेरोजगार, 87 को मिला रोजगार
विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी ने बेरोजगार युवाओं का खूब मुद्दा उठाया। रोजगार पर फोकस करने का वादा भी किया गया। लेकिन यह वादा भी चुनावी जुमला साबित हुआ। सरकार रोजगार के लिए निवेशकों पर निर्भर है और निवेशक हैं कि वादा करके आ ही नहीं रहे हैं। द सूत्र ने एक साल के रोजगार पर हुए काम की पड़ताल की। सैंपल के तौर पर सीएम विष्णुदेव साय का गृह जिला जशपुर लिया। आमतौर पर सीएम के जिले में सबसे ज्यादा काम होते हैं क्योंकि यहां पर सबकी नजर होती है। लेकिन यहां भी हालत ठप्प ही निकली।
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जशपुर जिले के रोजगार कार्यालय में बेरोजगारों की रजिस्टर्ड संख्या 56 हजार 112 है। यानी जिले में पढ़े लिखे युवा 56 हजार हैं। इन युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र,जशपुर ने प्लेसमेंट कैंप लगाए। सरकार की तरफ से चाय,पानी और बिस्कुट के लिए 71 हजार रुपए खर्च किए गए लेकिन रोजगार मिला सिर्फ 87 युवाओं को। यह तो बड़ी हैरानी की बात है।
सिक्युरिटी गार्ड,बीमा एजेट,सेल्समैन के रुप में प्लेसमेंट
सरकार के बुलाने पर प्लेसमेंट के लिए छोटी छोटी प्रायवेट एजेंसिया ही आईं वे भी आस पास की। कोई सिक्युरिटी एजेंसी थी तो कोई वेलफेयर सोसाइटी तो कोई प्रायवेट स्कूल जैसी संस्था। जाहिर है नौकरी भी उसी स्तर की होंगी। इन 87 युवाओं में 36 तो सिक्युरिटी एजेंसी में सिलेक्ट हुए। यानी सिक्युरिटी गार्ड के तौर पर इनको नौकरी मिल गई। कुछ को प्रायवेट स्कूल में टीचरशिप तो कुछ बीमा करने वाले एजेंट बन गए। कुछ युवाओं को वेलफेयर सोसाइटी में नौकरी मिल गई तो कुछ बड़ी दुकानों में जॉब मिला।
छोटी छोटी प्रायवेट संस्थाओं में किस तरह का रोजगार मिला होगा यह समझा जा सकता है। रोजगार कार्यालय में 12वी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़े लिखे बेरोजगारों का रजिस्ट्रेशन होता है। लेकिन बेरोजगारी की हालत यह है कि पढ़े लिखे युवाओं को इस तरह की नौकरी करने को मजबूर होना पड़ रहा है वो भी सीएम के जिले में। सीएम साहब को यह जरुर देखना चाहिए कि उनके जिले में युवाओं की पढ़ाई लिखाई में कमी है या फिर वे स्किल्ड नहीं है। जब सीएम के जिले में ये हाल है तो फिर पूरे जिले में क्या हालत होगी।
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जिला रोजगार कार्यालय में बुलाईं प्लेसमेंट एजेंसियां
- 13-4-2023 - वृंदावन पब्लिक स्कूल, जशपुर
- 18-4-2023 - नीड्स मैन पॉवर सपोर्ट सर्विस
- 13-9-2023 - ब्लूचिप केयर प्रायवेट लमिटेड,रायपुर
- 15-2-2024 - एसबीआई लाइफ, जशपुर
अविनाश इंटरप्रायजेज, जशपुर - 4-3-2024 - बांबे इंटेलीजेंस सिक्युरिटी,रायपुर
वृंदावन पब्लिक स्कूल, जशपुर - 1-7-2024 - बांबे इंटेलीजेंस सिक्युरिटी,रायपुर
सेफ इंटेलीजेंट सिक्युरिटी सर्विस,भिलाई - 12-8-2024 - अलर्ट प्लेसमेंट सर्विस,रायपुर
- 9-9-2024 - नेशनल फायनेंसियल सर्विस,रायगढ़
चैतन्य इंडिया,रायगढ़ - 13-12-2024 - जीनू वेलफेयर सोसाइटी,रायगढ़
- 22-1-2025 - वेदांता स्किल स्कूल,कोरबा
सेफ इंटेलीजेंट सिक्युरिटी सर्विस,भिलाई
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इतने लोगों को इन प्रायवेट एजेंसियों में मिला रोजगार
- बांबे इंटेलीजेंस सिक्युरिटी,रायपुर -31
- सेफ इंटेलीजेंट सिक्युरिटी सर्विस,भिलाई - 5
- एसबीआई लाइफ, जशपुर - 8
- अविनाश इंटरप्रायजेज, जशपुर - 12
- वृंदावन पब्लिक स्कूल, जशपुर - 6
- जीनू वेलफेयर सोसाइटी,रायगढ़ - 4
- वेदांता स्किल स्कूल,कोरबा - 21
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