Nagarnar Plant Jagdalpur Disinvestment : नरेंद्र मोदी सरकार ने जगदलपुर स्थित नगरनार प्लांट को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही ली है। ताजा घटनाक्रम में दिग्गज कंपनी आर्सेलर मित्तल और जिंदल स्टील एंड पावर के अफसरों ने दबे पांव नगरनार प्लांट का जायजा लिया। हालांकि, प्लांट के कर्मचारियों को जैसे ही इस मामले की जानकारी लगी, वे एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
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एसबीआई अफसरों के साथ पहुंची टीम
जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह छह बजे पांच गाड़ियों में सवार होकर जिंदल स्टील और आर्सेलर मित्तल के 13 अफसर नगरनार प्लांट पहुंचे। इन अफसरों की टीम में एसबीआई के कुछ अधिकारी भी शामिल थे। इन सभी लोगों ने पूरे प्लांट का बारीकी से मुआयना किया। इसकी जानकारी प्लांट में मौजूद कर्मचारी और मजदूरों को लगती, उससे पहले ही टीम प्लांट के कान्फ्रेंस हॉल में चली गई।
इसके बाद सुबह 9 बजे टीम और प्लांट प्रबंधन के बीच एक गोपनीय मीटिंग हुई। इस मीटिंग की जानकारी मिलते ही इस्पात मजदूर संगठन और स्टील श्रमिक यूनियन के सैंकड़ों मजदूर वहां एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। मजदूरों के जमावड़े की वजह से टीम घंटों काॅन्फ्रेंस हॉल में बंद रही। इसके बाद मजदूर नेताओं और टीम के बीच बात हुई। इसमें टीम में शामिल अफसरों ने बताया कि प्लांट के विनिवेश की कोई बात नहीं चल रही है।
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टीम में SBI अफसरों के शामिल होने से बढ़ा शक
मजदूर संगठनों ने एसबीआई अधिकारियों के टीम में शामिल होने को लेकर सवाल उठाए हैं। श्रमिक यूनियन ने कहा कि यदि कंपनियों का दौरा एचआर क्वाइल के लिए है, तो वे अपने साथ एसबीआई के अफसरों को लेकर क्यों आए। एसआर क्वाइल का सौदा तो कंपनी के अफसर खुद ही कर सकते थे। टीम में एसबीआई के शामिल होने की वजह से इसलिए शंका पैदा हो रही, ताकि बैंक विनिवेशीकरण में फाइनेंस का पक्ष देख सके।