Assistant Teacher Recruitment : छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक भर्ती मामला फिर से गरमा गया है। मामले में हाई कोर्ट ने प्रदेश शासन को फटकार लगाई है। अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने राज्य शासन को फटकार लगाते हुए 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को 7 दिन के अंदर पुरानी सूची निरस्त कर नई सूची जारी करने के लिए कहा है।
इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। दरअसल, राज्य सरकार ने नियमों अनदेखा कर बीएड डिग्री अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया। सूची जारी होने के बाद डीएलएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया। इस मामले में डीएलएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। डीएलएड अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती को अवैध ठहराया।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अवैध बताने के बाद भी जब सहायक शिक्षकों की भर्ती निरस्त नहीं की गई तो, डीएलएड अभ्यर्थियों हाईकोर्ट में न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की। इस याचिका के बाद हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सख्त आदेश दिया था कि 21 दिनों के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर केवल डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार करके उसे कोर्ट में पेश किया जाए।
दूसरी सुनवाई में जब हाई कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया तो, हाईकोर्ट ने शासन पर सख्त नाराजगी जताई। इसके बाद कड़ी फटकार लगाते हुए कोर्ट ने शासन को 7 दिन का अल्टीमेटम थमा दिया। मामले में वकील ने कहना है कि, अब तक व्यापम द्वारा सूची जारी नहीं की गई है। इस वजह से बीएड डिग्री अभ्यर्थी वाले सहायक शिक्षकों को निरस्त नहीं किया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि, केवल समय बर्बाद किया जा रहा है। अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार को अंतिम अवसर दिया है।
FAQ
सहायक शिक्षक भर्ती में क्या विवाद है?
भर्ती प्रक्रिया में बीएड अभ्यर्थियों को नियमों के खिलाफ प्राथमिकता दी गई, जिससे डीएलएड डिग्रीधारियों ने इसका विरोध किया।
हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
हाईकोर्ट ने 7 दिन के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर डीएलएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची जारी करने को कहा है।
अगर 7 दिन में आदेश नहीं माना गया तो क्या होगा?
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह अंतिम अवसर है, आदेश का पालन न होने पर अवमानना की कार्रवाई होगी।