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Missionaries are converting tribals into Christians : सरगुजा संभाग में धर्मांतरण का काम जोरों से होता रहा है। यहां एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा चर्च है। चंगाई सभा के माध्यम से धर्म परिवर्तन किए जा रहे हैं। कई संस्थाएं और विधर्मी लोग लगे हैं, जो सनातन को कमजोर कर रहे हैं। जो थोड़ा समृद्ध हैं] पढ़े-लिखे हैं, उनमें भी धर्मांतरण हो रहा है। यह बात सीएम विष्णुदेव साय ने गरियाबंद में आयोजित गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में कही।
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आदिवासियों को बहकाया जा रहा
सीएम ने खुले तौर पर मंच से कहा कि कुछ अधर्मी लोग और संस्थाएं आदिवासियों को, जनजाति क्षेत्र में लोगों को बहका रही हैं। वे कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं है। यह कहकर सनातन के देवी-देवताओं से जनजाति क्षेत्र के लोगों को दूर किया जा रहा है।
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मंच से उन्होंने प्रदेश में धर्मांतरण की घटनाओं पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि मैं जनजाति समाज से आता हूं। सीएम ने कहा कि स्व. दिलीप सिंह जूदेव जी जशपुर राजपरिवार से थे। 5 बार सांसद, केंद्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने लाखों कन्वर्टेड ईसाइयों के पैर धोकर उनकी घर वापसी करवाई और उनको हिंदू बनाया।
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भूखमरी में धर्मांतरण हुए
CM साय ने आगे कहा कि जब MP था तब लोग कोदो, कुटकी, महुआ खाते थे। मिशनरीज का रिजेक्टेड गेहूं आता था, उसे लेने के लिए धर्मांतरण किया गया, लेकिन प्रदेश में अब भुखमरी के हाल नहीं हैं। 1 रुपए में राशन मिलता है। आज हमारे आदिवासी समाज में कन्वर्जन कम हो गया है।
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