अरुण तिवारी@ RAIPUR. बस्तर जितना चर्चित नक्सलियों के कारण है अब लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) में उतना ही चर्चित कांग्रेस के उम्मीदवार कवासी लखमा ( Kawasi Lakhma ) ने कर दिया है। लखमा पर आचार,विचार और जुबान किसी तरह की संहिता का कोई असर नहीं हो रहा। लखमा के बयान ने छत्तीसगढ़ की सियासत में फिर बवाल मचा दिया। इसका परिणाम भी उनको भुगतना पड़ रहा है। बीजेपी हमलावर हुई तो चुनाव आयोग ने भी अपने तेवर कड़े कर रखे हैं। लखमा ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक बयान दिया तो उन पर भी एफआईआर दर्ज हो गई। इससे पहले चरणदास महंत अपने बिगड़े बोल का खामियाजा उठा चुके हैं। ये चुनाव है नेताजी, जुबान पर थोड़ा लगाम दीजिए।
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लखमा पर एफआईआर
कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है। वैसे भी इन दिनों आम आदमी चुनाव आयोग का मुखबिर बना हुआ है। बयान संभा में दिया गया हो या फिर नुक्कड़ पर, जुबान नहीं संभाली तो बात जंगल में आग की तरफ फैल जाती है। वीडियों वायरल होने में भी देर नहीं लग रही। क्योंकि हर हाथ में फोन है और हर फोन में इंटरनेट। कवासी लखमा ने वोटरों के बीच कह दिया कि कवासी लखमा जीतेगा और मोदी मरेगा। बात बहुत साफ है मोदी पर यदि बिगड़े बोल दिए तो आ बैल मुझे मार की स्थिति बननी तय है। लखमा पर चुनाव आयोग के निर्देश के बाद बीजापुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। मामला धमकाने का दर्ज किया गया है। लखमा पर महीने भर में दूसरा केस दर्ज किया गया है।
इससे पहले घेरे में आए महंत
कवासी लखमा ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत पर हुई कार्यवाही से सबक नहीं लिया। इससे पहले महंत एफआईआर के घेरे में आ चुके हैं। हालांकि अब वो कह रहे हैं कि वे पीएम पर अब कुछ बोलेंगे ही नहीं। लेकिन जो पहले बोला है उसका परिणाम तो मिलेगा। महंत ने राजनांदगांव में भूपेश बघेल के प्रचार के दौरान कह दिया कि लाठी वाले को जिताओ जो मोदी के सामने लाठी लेकर खड़ा रहे वो भूपेश बघेल है। इतना ही नहीं लाठी से सिर फोड़ने की बात भी कर दी। बवाल मचा मो महंत बैकफुट पर आ गए और माफी मांग ली। लेकिन बंदूक से निकली गोली जुबान से निकली बोली वापस कहां होती है। जो बोली निकली थी उसने तो महंत को नुकसान कर दिया। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद महंत के खिलाफ धमकाने की एफआईआर दर्ज हो गई। इसके बाद भी महंत नहीं माने। उन्होंने फिर एक बयान दे दिया। महंत ने कहा कि मोदी की कोई गारंटी नहीं है वे तो डिफाल्टर हैं। मामला ये भी बढ़ गया है। महंत अब संभल संभल कर बोलने की बात कर रहे हैं।
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