छत्तीसगढ़ के हर लोकसभा क्षेत्र में एक-एक सीनियर ने थामा नाराज नेताओं के हाथ

कांग्रेस में पिछले दो महीनों में तीन हजार नेता बीजेपी में जा चुके हैं। नेताओं का कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला जारी है। पीसीसी ने इस भगदड़ को रोकने के लिए ही संपर्क एवं संवाद समिति बनाई है। यह समिति नाराज नेताओं से समन्वय बनाएगी। 

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Sandeep Kumar
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अरुण तिवारी@. RAIPUR.

छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) में 'हाथ' छुड़ाकर भाग रहे नेताओं को रोकने के लिए कांग्रेस ने हाल ही में संपर्क एवं समन्वय समिति बनाई है। इस समिति में सभी सीनियर नेताओं को रखा गया है। इसमें दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों समेत छह पूर्व मंत्रियों को सदस्य बनाया गया है। इस समिति ने अब अपना काम शुरू कर दिया है। सभी सदस्यों को लोकसभावार जिम्मा सौंपा गया है। यानी एक लोकसभा की जिम्मेदारी एक सदस्य को दी गई है। सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में 11 सीनियर लीडर नाराज नेताओं से संपर्क और संवाद करेंगे। कुछ लोकसभा में दो नेताओं को भी लगाया गया है। 

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इन नेताओं को लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी

  1. सरगुजा-डॉ प्रेमसाय सिंह,आदितेश्वर शरण सिंहदेव
  2. रायगढ़-उमेश पटेल
  3. जांजगीर-मोहम्मद अकबर
  4. कोरबा-जय सिंह अग्रवाल, गुरुमुख सिंह होरा
  5. बिलासपुर- पद्मा मनहर
  6. राजनांदगांव-धनेश पाटिला
  7. दुर्ग- मोहन मरकाम
  8. रायपुर-सत्यनारायण शर्मा
  9. महासमुंद-अमितेश शुक्ल
  10. बस्तर-राजेंद्र तिवारी
  11. कांकेर-अनिला भेड़िया

ये करेंगे सीनियर 

कांग्रेस में पिछले दो महीनों में तीन हजार नेता बीजेपी में जा चुके हैं। नेताओं का कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला जारी है। पीसीसी ने इस भगदड़ को रोकने के लिए ही संपर्क एवं संवाद समिति बनाई है। यह समिति नाराज नेताओं से समन्वय बनाएगी। अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में नेताओं को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने दलबदल का सिलसिला रोकने की कोशिश की है। ये नेता अपनी अपनी जिम्मेदारी वाली सीटों पर कार्यकर्ताओं से लगतार मुलाकात करेंगे। वे किसी वजह से नाराज हैं तो उनके कारणों को जनकार दूर करने की कोशिश करेंगे। सीनियर्स की ये कमेटी पीसीसी और नाराज नेताओं के बीच ब्रिज का काम करेगी। घर बैठे लोगों को भी घर-घर जाकर लोकसभा चुनाव के काम में लगाया जाएगा। उपेक्षा के शिकार कार्यकर्ताओं को भी पद देकर लोकसभा चुनाव में जिम्मेदारी दी जाएगी।

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