RAIPUR. छत्तीसगढ़ के दुर्ग ( Durg ) जिले में हुए बस हादसे को करीब से देखने वाले अभी भी दहशत में हैं। उनके लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है। कुम्हारी शहर ( kumhaaree City ) के बाहरी इलाके में स्थित खपरी गांव के करीब एक 'मुरम' ( लाल मिट्टी ) खदान में बस के गिरने से तीन महिलाओं सहित 13 लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य लोग घायल हुए थे। इस घटना में हताहत होने वाले एक डिस्टलरी कंपनी के कर्मचारी थे, जो काम के बाद घर लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, 30 से अधिक लोगों से भरी बस सड़क से फिसलकर लगभग 20 फुट गहरी खदान में गिर गई थी।
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मामले की जांच शुरू
नगर पुलिस अधीक्षक हरीश पाटिल ने बताया कि बस दाहिनी ओर गिरी, जिससे अधिकांश मृतक वे लोग हैं जो वाहन की दाहिनी पंक्ति में बैठे थे। पाटिल ने बताया कि हादसे में बस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जिला प्रशासन ने मामले की दंडाधिकारी जांच शुरू कर दी है। वहीं परिवहन विभाग द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि इंटर स्टेट डिपार्टमेंट लीड एजेंसी रोड सेफ्टी छग के चेयरमेन एआईजी ट्रेफिक संजय शर्मा और उनकी टीम हादसे की जांच करेगी।
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बस हादसे का बाद उठे ये सवाल
- 2007 का 17 साल पुराना बस, जब फीट था तो हेड लाइट कैसे बंद था ?
- जब डिस्लरी कंपनी से बस निकली तो बिना लाइट के बस क्यों निकाला ?
- क्या ये कंपनी प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है ?
- सड़क जहां दोनों तरफ खाई है, वहां मजबूत रेलिंग क्यों नहीं लगाया गया ?
- वहां अब तक 4 दुर्घटनाएं हो गई थी, फिर रोशनी की कोई व्यवस्था क्यों नहीं की गई ?
- सड़क तक खदान की गिट्टी कैसे आई ?
- खदान सालों से बंद, फिर भी उसे पाटा क्यों नहीं गया ?
- पास ही शराब दुकान, क्या नशे में तो नहीं था चालक ?
- क्या खदान के कुछ हिस्सों पर भू माफियाओं का कब्जा है ?
- कंपनी में चल रही बसों की स्थिति क्या है ?
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दिलेश्वरी साहू सबसे पहले पहुंचीं थीं घटनास्थल
घटनास्थल से कुछ दूरी पर किराने का दुकान चलाने वाली दिलेश्वरी साहू उन लोगों में से हैं, जो घटना के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची थीं। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मंगलवार की शाम को वह आम दिनों की तरह अपनी दुकान में व्यस्त थी। उन्होंने बताया कि रात करीब आठ बजकर 20 पर उन्हें तेज आवाज सुनाई दी। तेज आवाज को सुनकर वह आवाज वाली जगह की ओर भागी और सड़क से लगे बड़े गड्ढे में देखा। साहू ने बताया, मैं कुछ भी नहीं देख सकी क्योंकि रात थी और सड़क पर कोई रोशनी नहीं थी। मैंने जो देखा वह केवल गड्ढे से निकल रही धूल थी। मुझे धीरे-धीरे एहसास हुआ कि एक बड़ा वाहन गड्ढे में गिर गया है, लेकिन वह कौन सा वाहन है इसका अंदाजा नहीं लगा सकी।
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