अरुण तिवारी, RAIPUR. इस बार लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha election ) में इलेक्शन कल्चर कुछ अलग ही नजर आ रहा है। यह पहली बार है जब एक तरफ चेहरा है तो दूसरी तरफ सिर्फ मोहरा। आम तौर पर लोकसभा चुनाव चेहरे पर लड़ा जाता रहा है। बीजेपी के लिए अटल-अडवाणी सदाबहार चेहरे रहे हैं तो अब हर-हर मोदी और घर घर मोदी का दौर आ गया है, लेकिन पार्टी के पास एक मुकम्मल चेहरा है, जो वन मैन शो है वोट दिलाने के लिए भी और चुनाव जिताने के लिए भी। चुनाव में बीजेपी के सीएम भी मोदी के अलावा कोई दूसरा शब्द ही नहीं बोल पा रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस है। जिसका चेहरा हमेशा से गांधी परिवार रहा है, लेकिन इस बार कोई गांधी परिवार की बात नहीं कर रहा। कांग्रेस उम्मीदवार राहुल, प्रियंका या सोनिया गांधी को वोट देने की अपील नहीं बल्कि, नारी न्याय के एक रुपए सालाना देने की बात कर रहे हैं। यानी एक तरफ चेहरा है तो दूसरी तरफ न्याय का मोहरा। छत्तीसगढ़ में तो यही चुनावी कल्चर नजर आ रहा है। अब सवाल यही है कि कौन किस पर पड़ेगा भारी, मोदी की महतारी या कांग्रेस की नारी।
बीजेपी के पास मोदी का चेहरा
बीजेपी के लिए इस पूरे चुनाव में मोदी का नाम ही काफी है। बीजेपी के तमाम नेता और राज्य के मुख्यमंत्री के भाषण में मोदी के अलावा दूसरे शब्द ही सुनाई नहीं देते। जो किया वो मोदी की गारंटी और जो करेंगे वो भी मोदी की ही गारंटी होगी। न संकल्प पत्र की कोई जरुरत है और न ही किसी वादे की। बस 370 और राममंदिर ही काफी है। हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने हैं और घर-घर तक मोदी की राम-राम पहुंचानी है। बीजेपी के पास चुनाव जिताऊ सबसे बड़ा चेहरा है नरेंद्र मोदी का, जिसके आगे बीजेपी को न कुछ सुनाई देता है और न ही दिखाई देता है। यहां पर महिलाएं गेमचेंजर साबित होंगी इसलिए मोदी की गारंटी महतारी वंदन भी पूरी कर दी गई है। 70 लाख महिलाओं को एक हजार रुपए महीने देकर मोदी के पाले में लाने की तैयारी कर ली है। सीएम अब शान से कहते हैं कि वे मोदी की कृपा से साय नहीं सांय-सांय कर रहे हैं।
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कांग्रेस के पास न्याय पत्र का मोहरा
कांग्रेस के पास इस चुनाव में वोट मांगने के लिए कोई चेहरा नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव के अलावा हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में न राहुल गांधी चले, न प्रियंका गांधी और न ही सोनिया गांधी का जादू कहीं नजर आया। यानी पार्टी को लगने लगा है कि कांग्रेस के वजूद का आधार बना गांधी परिवार अब चुनाव जिताऊ नहीं रह गया है। इसलिए कांग्रेस के पास गांधी परिवार का चेहरा नहीं बल्कि, न्याय पत्र का मोहरा ही प्रचार के लिए रह गया है। न्याय पत्र का मुहरा यानी महिलाओं को साल में एक लाख रुपए देने की गारंटी देना। छत्तीसगढ़ में यह मुद्दा इसलिए अहम है क्योंकि कांग्रेस नेताओं का मुकाबला बीजेपी की महतारी वंदन योजना से है। महतारी वंदन के तहत बीजेपी सरकार 70 लाख महिलाओं को एक हजार रुपए देने भी लगी है। कांग्रेस नेता अब महिलाओं के बीच में नारी न्याय यानी साल में एक लाख रुपए हर महिला को देने की बात कर रहे हैं।
क्या गेमचेंजर साबित होंगी महिलाएं
ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2 करोड़ 5 लाख 13 हजार 200 कुल वोटर हैं। जिनमें 1 करोड़ 1 लाख 80 हजार 405 पुरुष मतदाता हैं और 1 करोड़ 3 लाख 32 हजार 115 महिला वोटर हैं। यानी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या है। इसीलिए इस बार जीत की चाबी महिलाओं के हाथ में है। एक करोड़ महिलाएं तो इस योजना में शामिल हो गई हैं। बीजेपी को यही उम्मीद है कि इसका लाभ उनको चुनावों में मिलेगा क्योंकि ये मोदी की गारंटी है। वहीं कांग्रेस ने भी नारी न्याय का कार्ड चलकर इस वोट बैंक को अपनी ओर लाने का प्रयास किया है। अब देखना है कि वोटरों को मोदी का चेहरा भाता है या कांग्रेस का मोहरा यानी कौन किस पर पड़ेगा भारी, मोदी की महतारी या कांग्रेस की नारी।