भिलाई में धर्मांतरण विवाद, बजरंग दल और मसीही समाज में तनाव, जामुल थाने का घेराव

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। कैलाशनगर हाउसिंग बोर्ड में रविवार को एक प्रार्थना सभा के दौरान बजरंग दल के हंगामे के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Tension between Bajrang Dal and Christian community in Bhilai over conversion dispute  the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में धर्मांतरण को लेकर तनाव चरम पर पहुंच गया है। भिलाई के कैलाशनगर हाउसिंग बोर्ड में रविवार को एक प्रार्थना सभा के दौरान बजरंग दल के हंगामे के बाद मसीही समाज ने जामुल थाने का घेराव किया। मसीही समाज ने बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की, जबकि बजरंग दल ने प्रार्थना सभा में अवैध मतांतरण की शिकायत की थी। इस विवाद ने सामाजिक तनाव को बढ़ा दिया है, और पुलिस दोनों पक्षों को शांत करने में जुटी है।

ये खबर भी पढ़ें... डेढ़ साल में धर्मांतरण का नया कानून नहीं बना पाई सरकार,विभागों की सहमति में अटका मसौदा

क्या हुआ था रविवार को?

पिछले रविवार को कैलाशनगर में एक प्रार्थना सभा के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। संगठन ने आरोप लगाया कि इस सभा में अवैध रूप से धर्मांतरण कराया जा रहा था। बजरंग दल के जिला सह-संयोजक रामलोचन राकेश तिवारी ने दावा किया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक घर में 200-250 लोग, जिनमें छोटे बच्चे भी शामिल थे।

प्रार्थना सभा के नाम पर जुटे थे, जहां धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही थीं। कार्यकर्ताओं ने चर्च के बाहर प्रदर्शन किया और हनुमान चालीसा का पाठ किया। जामुल पुलिस मौके पर पहुंची और सभा में मौजूद करीब 100-150 लोगों को बस में थाने ले गई, जहां उनसे पूछताछ की गई। पुलिस ने मसीही समाज के छह लोगों के खिलाफ धारा 151 (निवारक कार्रवाई) के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। बजरंग दल ने पुलिस से मांग की कि धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ सरकार धर्मांतरण पर लगाम लगाने के लिए तैयार कर रही नया कानून

मसीही समाज का पलटवार

मसीही समाज ने इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए जामुल थाने का घेराव किया। यूनाइटेड क्रिश्चियन काउंसिल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना था कि बजरंग दल के कार्यकर्ता बिना किसी सबूत के प्रार्थना सभाओं में घुसकर लोगों को धमकाते हैं, जो गलत है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि संगठन को मतांतरण की शिकायत है, तो वे सीधे पुलिस के पास क्यों नहीं जाते? मसीही समाज ने यह भी आरोप लगाया कि जेल में उनके छह लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। 

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर बजरंग दल के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे दोबारा प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन के दौरान सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी और डीएसपी मोनिका नवी पांडेय थाने पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। सीएसपी तिवारी ने आश्वासन दिया कि पुलिस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी, जिसके बाद ही एफआईआर पर निर्णय लिया जाएगा। लंबी बातचीत के बाद मसीही समाज ने लिखित शिकायत दी और प्रदर्शन समाप्त किया।

ये खबर भी पढ़ें... Conversion In CG | अटक गया धर्मांतरण विरोधी कानून, मानसून सत्र में भी नहीं आएगा बिल !

दोनों पक्षों के तर्क

बजरंग दल का दावा : बजरंग दल का कहना है कि कैलाशनगर में बिना अनुमति के बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे, और छोटे बच्चों को भी प्रार्थना सभा में शामिल कर मतांतरण की कोशिश की जा रही थी। संगठन ने इसे गैरकानूनी गतिविधि बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।  

मसीही समाज का जवाब : मसीही समाज का कहना है कि उनकी प्रार्थना सभाएं धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे में हैं। बजरंग दल बिना सबूत के उन्हें बदनाम कर रहा है और हिंसक रूप से सभाओं में हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया और बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर की मांग की।

ये खबर भी पढ़ें... बजरंग दल ने पादरी को किया पुलिस के हवाले, मतांतरण पर हंगामा

पुलिस की भूमिका और जांच

पुलिस इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रही है, क्योंकि यह धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील है। सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने कहा कि दोनों पक्षों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाएगी। मतांतरण के आरोपों की पड़ताल के साथ-साथ बजरंग दल की गतिविधियों की भी जांच होगी। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना ठोस सबूत के कोई भी कार्रवाई नहीं होगी। 

सामाजिक तनाव और चुनौतियां

यह विवाद छत्तीसगढ़ में धार्मिक तनाव को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। मतांतरण का मुद्दा पहले भी राज्य में विवाद का कारण रहा है, और इस तरह की घटनाएं सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करती हैं। मसीही समाज का आरोप है कि बजरंग दल की कार्रवाइयां उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करती हैं, जबकि बजरंग दल इसे हिंदू संस्कृति की रक्षा का मामला बताता है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह निष्पक्षता बनाए रखे और मामले को तूल पकड़ने से रोके। 

पुलिस की शांति बनाए रखने की अपील

पुलिस ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जांच के परिणाम आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होगी। मसीही समाज ने दो दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद वे दोबारा प्रदर्शन की चेतावनी दे चुके हैं। इस बीच, सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को संवेदनशीलता के साथ हल किया जाए ताकि सामुदायिक तनाव न बढ़े। 

पुलिस और प्रशासन के सामने चुनौती

भिलाई का यह मामला धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर समाज में गहरे विभाजन को दर्शाता है। बजरंग दल और मसीही समाज के बीच यह टकराव न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और धार्मिक बहस को भी जन्म दे रहा है। पुलिस और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती निष्पक्ष जांच और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

भिलाई धर्मांतरण विवाद | बजरंग दल भिलाई | जामुल थाना घेराव | मसीही समाज भिलाई | दुर्ग धर्मांतरण

भिलाई धर्मांतरण विवाद बजरंग दल भिलाई मसीही समाज भिलाई जामुल थाना घेराव दुर्ग धर्मांतरण