छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के दल्लीराजहरा-कुसुमकसा रेलवे लाइन पर मंगलवार तड़के एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जिसमें दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ जब पांच युवक रेलवे ट्रैक से पैदल गुजरते वक्त थकान के कारण बैठ गए थे। कुछ ही देर में नींद लगने पर चार युवक पटरी पर ही लेट गए। इसी बीच तेज़ रफ्तार से आई ट्रेन की चपेट में आकर दो की जान चली गई।
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कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह घटना 947/07 किलोमीटर प्वाइंट के पास घटी। पांच युवक, जो कि झारखंड से मजदूरी करने दल्लीराजहरा क्षेत्र में आए थे, सोमवार देर रात कुसुमकसा स्टेशन की ओर पैदल जा रहे थे। लंबे सफर और थकान के कारण वे पटरी पर ही बैठ गए। कुछ ही देर में चार युवकों को झपकी लग गई और वे पटरी पर ही लेट गए।
सुबह लगभग 4 बजे अचानक एक ट्रेन वहां से गुज़री। ट्रैक पर सो रहे युवकों में से तीन ने ट्रेन की आवाज़ सुनकर उठने की कोशिश की, लेकिन उनमें से दो युवक ट्रेन की चपेट में आ गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया। दो अन्य घायल हो गए हैं और उन्हें 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया है।
हादसे के वक्त उनके बाकी 6 साथी आगे निकल चुके थे, जो घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।
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मृतक और घायल युवक कौन थे?
सभी युवक झारखंड राज्य के निवासी बताए जा रहे हैं, जो मजदूरी के लिए बालोद जिले आए थे। मृतकों और घायलों की शिनाख्त पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सभी का रिकॉर्ड और पहचान पत्र जुटाए जा रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही दल्लीराजहरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह हादसा युवकों की लापरवाही और थकान के चलते पटरी पर सो जाने से हुआ माना जा रहा है।
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स्थानीय प्रशासन की अपील
रेलवे और पुलिस विभाग ने मजदूरों और आम नागरिकों से रेलवे पटरियों पर चलने या बैठने से परहेज करने की अपील की है। ऐसे हादसे पूर्णतः रोके जा सकते हैं यदि लोग रेलवे नियमों का पालन करें।
घटना ने छोड़ा गहरा असर
इस हादसे ने न सिर्फ मृतकों के परिवारों को गहरा शोक दिया है, बल्कि क्षेत्र में भी अफरा-तफरी का माहौल है। मजदूर वर्ग की सुरक्षा और ठहरने की व्यवस्था को लेकर भी अब सवाल उठ रहे हैं।
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