जेल में बलौदा बाजार हिंसा के आरोपी आपस में लड़ रहे, दूसरी जगह शिफ्ट
Baloda Bazar violence case accused shifted to another jail : बलौदा बाजार हिंसा केस के आरोपी जेल में आपस में लड़ रहे हैं। इस बात की शिकायतें जेल प्रशासन के पास लगातार पहुंच रही थीं।
Baloda Bazar violence case accused shifted to another jail : बलौदा बाजार हिंसा केस के आरोपी जेल में आपस में लड़ रहे हैं। इस बात की शिकायतें जेल प्रशासन के पास लगातार पहुंच रही थीं। इसके चलते इन आरोपियों को छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जेल में शिफ्ट किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में भिलाई नगर से कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में जेल में बंद 21आरोपियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है। इन कैदियों पर आपस में मारपीट करने का आरोप लगा था। इसके बाद जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया। जानकारी के अनुसार इन कैदियों को रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर की अलग-अलग जेलों में भेजा गया है। जेल प्रशासन ने सोमवार की रात गुपचुप तरीके से कैदियों की शिफ्टिंग की है।
बलौदा बाजार हिंसा मामले में भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेद्र यादव भी रायपुर जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। सिंगल बेंच ने विधायक देवेंद्र यादव की याचिका पिछले दिनों खारिज कर दी थी। कोर्ट ने उनके ऊपर लगे आरोपों को गंभीर बताया था।
बलौदा बाजार हिंसा केस के आरोपियों को क्यों शिफ्ट किया गया है ?
बलौदा बाजार हिंसा केस के आरोपियों को आपस में मारपीट करने के आरोप में जेल प्रशासन ने उन्हें छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया है। इन आरोपियों की शिफ्टिंग रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर की जेलों में की गई है। यह कदम उनकी आपसी लड़ाई की वजह से उठाया गया था।
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की स्थिति क्या है ?
बलौदा बाजार हिंसा मामले में भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे आरोपों को गंभीर मानते हुए जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया था।
कैदियों की शिफ्टिंग का यह कदम किस प्रकार से लिया गया था ?
कैदियों की शिफ्टिंग का कदम जेल प्रशासन ने गुपचुप तरीके से उठाया था। सोमवार की रात को इन 21 आरोपियों को रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर की जेलों में स्थानांतरित किया गया। यह कदम आरोपियों के बीच हो रही मारपीट को रोकने के लिए उठाया गया था।