Bastar journalist Mohan Chandrakar murder case : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर का पहले गला घोंटा गया। बाद में सिर पर कुल्हाड़ी मारी। इस हमले से मुकेश के सिर पर ढाई इंच गड्ढा हो गया। हत्या के बाद मुकेश की लाश को बैडमिंटन कोर्ट कैंपस में बने सेप्टिक टैंक में फेंक दिया। टैंक को 4 इंच कंक्रीट से ढलाई करके पैक कर दिया गया।
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एक जनवरी से लापता थे पत्रकार चंद्राकर
दरअसल, मुकेश चंद्रकार बीजापुर में पिछले कई सालों से पत्रकारिता कर रहे थे। वे 1 जनवरी की शाम टी-शर्ट और शॉर्ट्स में ही घर से बाहर निकले थे। कुछ देर के बाद उनका फोन बंद हो गया। जब रात तक घर नहीं लौटे तो उनके भाई और पत्रकार युकेश चंद्रकार ने करीबियों के घर, शहर में अलग-अलग जगह पता लगाया, लेकिन मुकेश चंद्राकर की कोई खबर नहीं मिली। इसके बाद भाई युकेश चंद्रकार ने पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
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ठेकेदार के कैंपस में मिला शव
शुक्रवार दोपहर मुकेश की लाश एक ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में सेप्टिक टैंक के अंदर मिली। लाश काफी फूल चुकी थी, उनके कपड़ों से पहचान की गई है। दरअसल, 120 करोड़ की लागत से नेलशनार, कुडोली, मिरतुर की सड़क बनी है।
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करीब 5 से 6 दिन पहले मुकेश ने रायपुर से आए अपने एक साथी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया था। इसी बात से ठेकेदार और उसके परिवार के सदस्य इनसे खफा थे। हत्याकांड में पुलिस के संदेह के दायरे में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर हैं।
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