भिलाई स्टील प्लांट के AGM को जेल की सजा , इस केस में हो गए थे फरार
Bhilai Steel Plant : भिलाई स्टील प्लांट के एजीएम को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। वह Steel Plant की नंदिनी माइंस में पदस्थ हैं। पढ़िए किस केस में सुनाई गई उनको सजा...
Bhilai Steel Plant : भिलाई स्टील प्लांट के एजीएम को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। वह Bhilai Steel Plant की नंदिनी माइंस में पदस्थ हैं। उन्होंने अपनी कार से बाइक सवार को टक्कर मारी और फिर सेक्टर 9 अस्पताल से भाग निकले।
रेलवे कर्मचारी की बाइक को मारी थी टक्कर
जानकारी के अनुसार तालपुरी कॉलोनी में बसंत कुमार रहते हैं। वे रेलवे में कर्मचारी है। पिछली साल 5 मार्च 2023 को वह किसी काम से अपनी बाइक से बाजार गए थे। वह रात 8 बजे सामान लेकर अपने घर तालपुरी लौट रहे थे। इसी दौरान अचानक एक होंडा सिटी कार नंबर सीजी 07 एमबी 4357 ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।
टक्कर मारने के बाद कार सड़क किनारे नाली में घुस गई। इससे बाइक और कार दोनों नाली में फंसे रह गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बसंत कुमार को नाली से बाहर निकाला। बसंत को चपेट में लेने वाली कार को भिलाई स्टील प्लांट यानी बीएसपी के एजीएम ओमेन टेटे चला रहे थे।
बसंत कुमार के परिजन घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। उन्होंने गंभीर हालत में उन्हें सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती कराया। बसंत का 6 महीने तक इलाज चला। बसंत कुमार की पत्नी ने पद्मनाभपुर चौकी में कार चालक ओमेन टेटे के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए दुर्ग न्यायालय के न्यायाधीश निलेश कुमार बघेल की कोर्ट ने ओमेन टेटे को तीन महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
हालत में सुधार होने पर घायल बसंत कुमार ने बताया कि दुर्घटना के बाद ओमेन टेटे को भी सेक्टर-9 अस्पताल ले जाया गया था। वहां वह कुछ देर तक बैठे रहे। इसके बाद जब पता चला कि बसंत को गंभीर चोटें आई हैं, तो वो वहां से भाग निकले।
भिलाई स्टील प्लांट या भिलाई इस्पात संयंत्र ( Bhilai Steel Plant) या BSP छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित है। भिलाई स्टील प्लांट भारत का पहला इस्पात उत्पादक संयंत्र है। यहां मुख्य रूप से रेल की पटरियों को उत्पादन होता है। Bhilai Steel Plant की स्थापना साल 1955 में सोवियत संघ की सहायता से हुई थी। 4 फरवरी 1959 को राष्ट्रपति डॉ. राजेद्र प्रसाद ने इस कारखाने का उद्घाटन किया था। बीएसपी भारत की सबसे बड़ी और विश्व की प्रमुख रेल पटरी का उत्पादक यूनिट है।