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Bhupesh Baghel met Chaitanya:छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल इस समय ईडी (Enforcement Directorate) की कस्टडी में हैं। इस दौरान भूपेश बघेल चैतन्य से मिलने पहुंचे। विशेष अदालत के आदेश के बाद उन्हें 23 अगस्त 2025 तक ईडी की रिमांड पर रखा गया है।
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भूपेश बघेल ने बेटे से की मुलाकात
गुरुवार को रायपुर स्थित सुभाष स्टेडियम ईडी ऑफिस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने बेटे चैतन्य से मिलने पहुंचे। उनके साथ पत्नी, बहू, बेटियां और नाती भी मौजूद रहे। चैतन्य बघेल ईडी रिमांड पर है, 14 दिन की न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद अदालत ने ईडी की मांग पर उन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर भेजा है।
कैसे हुए चैतन्य बघेल गिरफ्तार?
ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को उनके भिलाई निवास से जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई थी। यह कार्रवाई एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर की FIR पर आधारित थी, जिसमें IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी शामिल हैं।
16.70 करोड़ रूपए नकद की प्राप्ति का आरोप
जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रूपए की अवैध कमाई (POC) प्राप्त हुई थी। आरोप है कि उन्होंने इस रकम को अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए मिलाने की कोशिश की और इसका उपयोग प्रोजेक्ट विकास, ठेकेदारों को नकद भुगतान तथा बैंकिंग एंट्रीज में किया गया।
त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ लेन-देन
ईडी के अनुसार, चैतन्य ने शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत कर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीद की आड़ में लगभग 5 करोड़ रूपए हासिल किए। बैंकिंग ट्रेल से भी इस कथित लेन-देन की पुष्टि हुई है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?
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1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति संचालन का आरोप
ईडी का दावा है कि चैतन्य ने शराब घोटाले (CG liquor scam) से जुड़े 1000 करोड़ रूपए से अधिक की POC का संचालन किया और इस रकम को कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तथा बघेल परिवार के करीबी सहयोगियों तक पहुंचाने का काम किया।
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पहले ही गिरफ्त में हैं कई बड़े नाम
इस घोटाले में पहले से ही पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार हो चुके हैं। फिलहाल, ईडी शराब घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन और नेटवर्क की गहन जांच कर रही है।
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