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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा स्पष्ट निर्देशों के बावजूद राज्य में सड़कों से मवेशियों को हटाने की प्रक्रिया गंभीरता से नहीं ली जा रही है। ताजा मामला बिलासपुर जिले के मस्तूरी-रायपुर नेशनल हाईवे का है, जहां 27 जुलाई की रात तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने सड़क पर बैठे मवेशियों को कुचल दिया, जिससे 25 गायों की मौत हो गई और 1 घायल है। हैरानी की बात यह है कि हादसे की जानकारी आज सुबह सामने आई।
यह हादसा हाईकोर्ट की उस सख्ती के महज 12 दिन बाद हुआ है, जिसमें अदालत ने 15 जुलाई को पूछा था – "राज्य सरकार बताए कि सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए अब तक क्या किया गया है?"
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bilaspur 25 cows crushed to death
हाईकोर्ट की चेतावनी बेअसर
इससे पहले 14 जुलाई को रतनपुर-पेंड्रा रोड पर भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें 14 गायों की मौत हुई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा और स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़कों से मवेशियों को हटाया जाए, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसके बावजूद, बिलासपुर के मस्तूरी, सिरगिट्टी, तखतपुर, सीपत, कोटा और रतनपुर जैसे इलाकों में शाम होते ही सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा आम बात बनी हुई है। लगातार हो रहे हादसे साबित कर रहे हैं कि प्रशासन ने अदालत के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया है।
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Bilaspur National Highway Cow Accident
FIR, बैठकों और निर्देशों का दिखावा
घटना की सूचना मिलने पर 28 जुलाई की सुबह गौ सेवक मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायल मवेशियों का इलाज करवाया और मृत मवेशियों का पास ही अंतिम संस्कार किया। इसके बाद चकरभाठा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गौ सेवकों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
हाईकोर्ट की गरिमा पर चोट: किसके जिम्मे जवाबदेही?
हाईकोर्ट ने बार-बार आदेश दिए कि सड़कों से मवेशी हटाए जाएं, निगरानी टीम बनाकर रात्रि गश्त हो, गौ पालकों पर कार्रवाई हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि बिलासपुर जैसे जिलों में सड़कों पर गोधन मौत के मुंह में जा रहा है और प्रशासन तमाशबीन बना है।
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बिलासपुर नेशनल हाइवे गाय एक्सीडेंट
1. हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखीछत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मवेशियों को सड़कों से हटाने का आदेश दिया था, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 2. बिलासपुर में बड़ा हादसा, 25 गायों की मौतमस्तूरी-रायपुर नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार वाहन ने मवेशियों के झुंड को कुचल दिया, जिससे 25 गायों की मौके पर मौत हो गई। 3. 13 दिन में दूसरी दर्दनाक घटनाइससे पहले 14 जुलाई को रतनपुर-पेंड्रा मार्ग पर 14 गायों की मौत हुई थी, बावजूद इसके हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। 4. गौ सेवकों का विरोध, FIR दर्जघटना की जानकारी मिलने पर गौ सेवकों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और घायल मवेशियों का इलाज कराया। 5. प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाललगातार हादसों के बाद भी अफसरों की मीटिंग और निर्देश केवल कागज़ों तक सीमित दिख रहे हैं, जिससे हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना स्पष्ट है। |
25 गायों की कुचलकर मौत बिलासपुर 25 गायों की मौत
न्यायिक आदेशों की अनदेखी खतरे की घंटी
यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि हाईकोर्ट की अवमानना का प्रत्यक्ष प्रमाण है। न्यायपालिका ने जो चेतावनी दी थी, उसका अगर समय रहते पालन होता, तो 25 बेजुबानों की जान नहीं जाती।
अब जरूरत है कि हाईकोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई के आदेश जारी करे, ताकि प्रशासनिक मशीनरी चेत जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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