2.5 लाख चाहिए तो 10 हजार दो! छत्तीसगढ़ में क्लर्क ने मांगी घूस, ACB ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार

बिलासपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो ने आदिम जाति कल्याण विभाग के क्लर्क को 10 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। क्लर्क ने अंतरजातीय विवाह योजना के तहत ढाई लाख रुपए की राशि जारी करने के लिए रिश्वत मांगी थी।

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Sanjay Dhiman
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ACB Raid in Cg

Photograph: (the sootr)

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BILASPUR. बिलासपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वतखोरी के मामले का खुलासा किया है। आदिम जाति कल्याण विभाग के एक क्लर्क को ACB टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के एक हितग्राही की शिकायत पर की गई है। क्लर्क फरियादी से प्रोत्साहन योजना के ढाई लाख रुपए जारी करने के लिए दस हजार रुपए मांग रहा था। 

एक साल से अटका रखा था आवेदन

शिकायतकर्ता अभिलाष बर्मन ने एक साल पहले विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बाद से ही आरोपी उससे रिश्वत मांग रहा था। योजना के तहत उसे ढाई लाख रुपए की सहायता राशि मिलनी थी। परेशान होकर अभिलाष बर्मन ने इस पूरे मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो टीम से कर दी।  ACB टीम ने शिकायत के बाद क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। 

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रंगे हाथ पकड़ा गया क्लर्क

शुक्रवार सुबह एसीबी की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ा। जैसे ही क्लर्क मनोज टोंडेकर ने शिकायतकर्ता अभिलाष बर्मन से रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी के पास से रिश्वत में लिए केमिकल लगे 10,000 रुपए के नोट बरामद किए। इस मामले में अब एसीबी आरोपी से पूछताछ कर रही है। 

रिश्वत की मांग और एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई को ऐसे समझें 

  1. बिलासपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आदिम जाति कल्याण विभाग के क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
  2. क्लर्क मनोज टोंडेकर ने अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत ढाई लाख रुपए की राशि जारी करने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
  3. शिकायतकर्ता ने एक साल पहले योजना के लिए आवेदन किया था और रिश्वत मांगने पर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी।
  4. एसीबी ने शिकायत की पुष्टि के बाद योजनाबद्ध तरीके से क्लर्क को पकड़ने के लिए कार्रवाई की।
  5. आरोपी से ₹10,000 की रिश्वत बरामद की गई, और अब एसीबी आरोपी से पूछताछ कर रही है।

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क्या है अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना?

इस योजना का उद्देश्य समाज की अलग-अलग जातियों के बीच अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत सरकार अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना समाज में जाति व्यवस्था खत्म करने के लिए बनाई गई है।

केंद्र और राज्य सरकारें इस योजना के तहत अलग-अलग राशि प्रदान करती हैं। अलग-अलग राज्यों में यह राशि अलग-अलग हो सकती है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत ढाई लाख रुपए अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपत्ति को दिए जाते हैं।

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