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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से मुंबई जा रही इंडिगो की फ्लाइट में एक यात्री की तबीयत अचानक बिगड़ गई। कैंसर पीड़ित यह युवक अपनी सीट पर बेहोश होने के बाद नीचे गिर गया। जैसे ही पायलट को इस घटना की जानकारी लगी इमरजेंसी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए रायपुर एयरपोर्ट पर प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद यात्री को माना सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एयरपोर्ट पर तैनात थी मेडिकल टीम
इस यात्री की पहचान गौतम बावरी के रूप में हुई, जो लंबे समय से ब्लड कैंसर (blood cancer) से पीड़ित था और इलाज के लिए मुंबई जा रहा था। जैसे ही वह अपनी सीट पर बेहोश होकर गिरा, पायलट ने तुरंत इमरजेंसी प्रोटोकॉल का पालन किया और विमान को रायपुर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंड करवा लिया।
रायपुर एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग से पहले ही मेडिकल टीम अलर्ट पर थी, एयरपोर्ट की मेडिकल टीम ने तुरंत युवक को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। युवक को माना सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इससे पहले ही युवक की माैत हो चुकी थी।
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मुंबई के टाटा मेमोरियल में भर्ती होने जा रहा था युवक
गौतम बावरी के परिवार और दोस्तों के मुताबिक, वह कई महीनों से ब्लड कैंसर का इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में चक्कर लगा रहा था। हालात गंभीर होने के बाद उसे मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (Tata Memorial Hospital) में इलाज के लिए फ्लाइट में यात्रा करनी पड़ी थी। हालांकि, फ्लाइट के दौरान उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि वह बेहोश हो गया और अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई।
ब्लड कैंसर और उसका इलाज
ब्लड कैंसर (Blood Cancer) एक बहुत ही गंभीर बीमारी होती है। इस बीमारी में खून और बोन मैरो (bone marrow) पर असर पड़ता है, जिससे शरीर में खून बनाने वाले अंग ठीक से काम नहीं कर पाते। अगर समय पर इलाज न हो, तो यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।
ब्लड कैंसर का इलाज करने के लिए कई तरीके होते हैं। इनमें कीमोथेरापी (Chemotherapy), बोन मैरो का प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant) और इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) शामिल हैं। डॉक्टर इलाज का तरीका मरीज की हालत और कैंसर के प्रकार के हिसाब से चुनते हैं। हालांकि, अगर कैंसर का इलाज जल्दी नहीं किया गया, तो मरीज की हालत और भी गंभीर हो सकती है।
इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग और युवक की माैत को ऐसे समझें
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क्या होता है इमरजेंसी लैंडिंग प्रोटोकॉल
जब उड़ान के दौरान कोई यात्री अचानक गंभीर रूप से बीमार हो जाता है या बेहोश हो जाता है, जैसा कि गौतम बावरी के मामले में हुआ, तो पायलट और केबिन क्रू को एक पूर्व निर्धारित आपातकालीन प्रोटोकॉल (Emergency Protocol) का पालन करना होता है। इस प्रोटोकॉल का मुख्य लक्ष्य यात्री की जान बचाना और विमान को सुरक्षित रूप से नजदीकी एयरपोर्ट पर डाइवर्ट (Divert) करना होता है।
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केबिन क्रू की भूमिका और निर्णय
स्थिति का आकलन: सबसे पहले, प्रशिक्षित केबिन क्रू यात्री की स्थिति का आकलन करते हैं। वे विमान में उपलब्ध प्राथमिक उपचार किटऔर ऑक्सीजन मास्क का उपयोग करते हैं।
डॉक्टर की मांग: क्रू यह जानने का प्रयात करता हैं कि क्या विमान में कोई डॉक्टर या योग्य चिकित्सा पेशेवर मौजूद है जो मदद कर सके।
ग्राउंड सपोर्ट से संपर्क: पायलट, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के माध्यम से, ग्राउंड मेडिकल सपोर्ट और मेडी-लिंक सेवा से संपर्क करता है। ग्राउंड सपोर्ट पर मौजूद डॉक्टर यात्री के लक्षणों के आधार पर क्रू को आवश्यक निर्देश देते हैं।