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Bilaspur. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में हुए कांग्रेस नेता नीतेश सिंह गोलीकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस हमले में शामिल एक और कांग्रेस नेता अकबर खान को गिरफ्तार किया है। जांच में यह बात सामने आई है कि गोलीकांड के पीछे राजनीतिक वर्चस्व और जमीन कारोबार की रंजिश अहम कारण थे।
पुलिस के अनुसार, इस वारदात की साजिश में कांग्रेस नेता तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय ने भी अहम भूमिका निभाई थी। इन दोनों ने ही मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत को नीतेश सिंह की हत्या के लिए शूटर्स को एक लाख की सुपारी दी थी। पुलिस अब इन दोनों नेताओं की तलाश कर रही है, जो अभी फरार हैं।
क्या हुआ था 28 अक्टूबर की रात को?
घटना 28 अक्टूबर की देर शाम की है जब मस्तूरी जनपद उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता नीतेश सिंह अपने निजी कार्यालय में मौजूद थे। इसी दौरान दो नकाबपोश शूटर बाइक से पहुंचे और अंदर घुसकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी (Bilaspur firing case)।
हमले में पूर्व सरपंच चंद्रकांत सिंह और राजकुमार सिंह उर्फ राजू सिंह को गोली लगी, जबकि नीतेश सिंह बाल-बाल बच गए। नीतेश ने अपने लाइसेंसी पिस्टल से जवाबी फायरिंग की, जिसके बाद हमलावर मौके से भाग निकले। घायलों को तुरंत अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी।
24 घंटे में 8 आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर ही गोली चलाने वाले शूटरों समेत मास्टरमाइंड विश्वजीत अनंत को गिरफ्तार कर लिया। अब तक इस मामले में 8 लोगों को पकड़ा जा चुका है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर 5 पिस्टल और कट्टा भी बरामद किया है। हथियार हाईवे के किनारे छिपाकर रखे गए थे। जांच में यह भी सामने आया कि विश्वजीत का संपर्क उत्तर प्रदेश के मवेशी तस्करों और अवैध हथियार तस्करों से रहा है। पुलिस अब इस सप्लाई चैन की भी जांच कर रही है।
मीटिंग का CCTV सामने आया
SSP रजनेश सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली कि गोलीकांड से पहले विश्वजीत अनंत की कांग्रेस नेता अकबर खान से मीटिंग हुई थी, जो श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित एक कैफे में हुई थी। इस पूरी मीटिंग का CCTV वीडियो भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। अकबर खान पर आरोप है कि वह विश्वजीत के जरिए मस्तूरी इलाके में जमीन का कारोबार कराता था। पुलिस के पास ठोस साक्ष्य मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया।
साजिश का खुलासा
पुलिस जांच से पता चला है कि नीतेश सिंह और तारकेश्वर पाटले के बीच स्थानीय राजनीति और जमीन कारोबार को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते यह हमला कराया गया। तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय ने विश्वजीत को सुपारी दी और अकबर खान ने लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया। अब पुलिस इन दोनों नेताओं की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
हथियार बरामद, सप्लायर की तलाश जारी
गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने 5 पिस्टल, कई कारतूस और कट्टे बरामद किए हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि यह हथियार कहां से आए। जांच में संकेत मिले हैं कि यह उत्तर प्रदेश से सप्लाई किए गए थे। इस पूरे नेटवर्क के तार अब अंतरराज्यीय हथियार तस्करी गिरोह से जुड़ते दिख रहे हैं। जल्द ही दोनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
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