बिलासपुर में फिर एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आईं तीन ट्रेनें, रेल ट्रैक पर मचा हड़कंप

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दो दिन पहले हुए रेल हादसे की दहशत अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि एक बार फिर यात्रियों की सांसें अटक गईं। कोरबा मेमू ट्रेन के आगे और पीछे दो मालगाड़ियां एक ही ट्रैक पर आ गईं।

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Harrison Masih
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Bilaspur. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में दो दिन पहले हुए भीषण रेल हादसे की दहशत अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि गुरुवार को एक बार फिर उसी रूट पर बड़ा हादसा होते-होते टल गया। कोरबा मेमू लोकल ट्रेन के आगे और पीछे दो मालगाड़ियां एक ही ट्रैक पर आ गईं, जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया।

कहां हुई घटना?

यह घटना कोटमीसोनार और जयरामनगर स्टेशन के बीच हुई, जब अचानक तीनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ गईं। जैसे ही यात्रियों को इस बात की जानकारी मिली, ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई और लोग डर के मारे नीचे उतरने लगे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी गई, जिसके बाद सभी ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। रेलवे अधिकारियों ने समय रहते कार्रवाई कर किसी बड़े हादसे को टाल दिया।

यात्रियों में दहशत, ट्रेन रोक दी गई

कोटमीसोनार और जयरामनगर स्टेशन के बीच उस समय हड़कंप मच गया जब मेमू लोकल ट्रेन के दोनों ओर मालगाड़ियां खड़ी देख यात्रियों में अफरा-तफरी फैल गई। कई यात्री सुरक्षा की चिंता में ट्रेन से उतर गए, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। रेल प्रशासन ने तुरंत सभी ट्रेनों को रोकने के आदेश जारी किए और कर्मचारियों को मौके पर भेजा। समय पर की गई कार्रवाई के चलते किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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रेलवे ने बताया- 'यह रूटीन प्रक्रिया है'

हालांकि रेलवे अधिकारियों ने इस घटना को सामान्य और रूटीन प्रक्रिया बताया। उनका कहना है कि ऑटो सिग्नल सिस्टम में कभी-कभी एक ही रूट पर एक से अधिक ट्रेनें चल सकती हैं। लेकिन हाल में हुए हादसे के बाद यात्री सतर्क और डरे हुए हैं, जिससे उन्होंने खतरा महसूस किया।

ऐसे समझें पूरी घटना

  1. एक ट्रैक पर आईं तीन ट्रेनें:
    बिलासपुर जिले के कोटमीसोनार और जयरामनगर स्टेशन के बीच गुरुवार को कोरबा मेमू ट्रेन के आगे और पीछे दो मालगाड़ियां एक ही ट्रैक पर आ गईं।

  2. यात्रियों में मचा हड़कंप:
    ट्रैक पर एक साथ तीन ट्रेनें देखकर यात्री डर गए और कई लोग सुरक्षा की वजह से ट्रेन से उतर गए। लालखदान हादसे के दो दिन बाद हुई इस घटना ने दहशत बढ़ा दी।

  3. रेलवे ने बताया रूटीन मामला:
    रेलवे अधिकारियों ने सफाई दी कि यह ऑटो सिग्नल प्रणाली का सामान्य हिस्सा है, जिससे एक ही ट्रैक पर कई गाड़ियां नियंत्रित तरीके से चल सकती हैं। हालांकि, जांच टीम ने एहतियात के तौर पर पूरे रूट की निगरानी बढ़ा दी है।

दो दिन पहले हुए हादसे में 11 की मौत

गौरतलब है कि 4 नवंबर 2025 को इसी ट्रैक के पास लालखदान-गतौरा स्टेशन के बीच गेवरा रोड मेमू लोकल (68733) और मालगाड़ी की टक्कर हो गई थी। इस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक यात्री घायल हुए थे। हादसे में मेमू ट्रेन का मोटर कोच मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया था।

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वर्तमान स्थिति

फिलहाल ट्रैक पर यातायात कुछ समय के लिए रोका गया है। तकनीकी टीम स्थिति की जांच कर रही है। रेलवे ने कहा है कि सभी ट्रेनें सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत ही चलाई जा रही हैं, और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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