बिलासपुर रेल हादसा: डीपी विप्र कॉलेज की छात्रा ने भी तोड़ा दम, मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हुई

4 नवंबर को हुए बिलासपुर रेल हादसे का दर्द एक बार फिर गहराया है। आठ दिनों तक मौत से लड़ने वाली जांजगीर की होनहार छात्रा महविश परवीन ने आखिरकार अपोलो अस्पताल में दम तोड़ दिया। हादसे के वक्त वह कोरबा-बिलासपुर मेमू ट्रेन के महिला कोच में सवार थीं।

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Harrison Masih
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Bilaspur. बिलासपुर जिले में 4 नवंबर को हुए भीषण रेल हादसे में एक और जिंदगी ने दम तोड़ दिया है। डीपी विप्र कॉलेज की बीएससी गणित की छात्रा महविश परवीन (उम्र 19 वर्ष) ने मंगलवार देर रात अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। इस तरह इस दर्दनाक हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है।

हादसे का विवरण

4 नवंबर की शाम 4:10 बजे के करीब गेवरारोड-बिलासपुर मेमू ट्रेन लालखदान के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई कोच क्षतिग्रस्त हो गए और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में दर्जनों यात्री घायल हुए थे, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई गई थी।

घायल छात्रा की पहचान

घायल यात्रियों में जांजगीर-चांपा निवासी महविश परवीन भी शामिल थीं, जो बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज में बीएससी गणित की नियमित छात्रा थीं। बताया गया कि महविश अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए जांजगीर गई हुई थीं और 4 नवंबर को कोरबा-बिलासपुर मेमू ट्रेन से वापस लौट रही थीं।

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हादसे के समय ट्रेन के महिला कोच में थीं महविश

महविश ट्रेन के महिला कोच में सफर कर रही थीं। टक्कर के दौरान कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे उसके दोनों पैर लोहे के एंगल के नीचे दब गए। हादसे में उसे गंभीर चोटें आईं दोनों पैरों में मल्टीपल फ्रैक्चर, कॉलर बोन टूटी, चार पसलियां भी फ्रैक्चर हुईं।

इलाज के दौरान नहीं बच सकी जान

हादसे के तुरंत बाद महविश को पहले सिम्स अस्पताल लाया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया था। एक सप्ताह तक डॉक्टरों की टीम लगातार उसका इलाज करती रही। डॉक्टरों को उम्मीद थी कि हालत में सुधार होगा, लेकिन मंगलवार की देर रात महविश ने जिंदगी की जंग हार दी।

परिवार और कॉलेज में शोक की लहर

महविश की मौत की खबर मिलते ही उसके परिजन और सहपाठी सदमे में हैं। कॉलेज प्रशासन ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि महविश पढ़ाई में होनहार और बेहद संस्कारी लड़की थी। उसका सपना था कि वह आगे चलकर अध्यापिका बने।

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अस्पताल पहुंचे रेलवे अधिकारी

महविश की मौत की सूचना मिलते ही रेलवे और प्रशासनिक अधिकारी अपोलो अस्पताल पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, रेल प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

पृष्ठभूमि

बिलासपुर रेल हादसा छत्तीसगढ़ के हालिया वर्षों में सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है। गतौरा और लालखदान स्टेशन के बीच ओवरब्रिज के पास यह हादसा हुआ था, जब मेमू ट्रेन तेज रफ्तार में खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। इस हादसे में अब तक 13 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायलों का इलाज अब भी जारी है।

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