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CBI probe into CGPSC scam : छत्तीसगढ़ में हुए पीएससी घोटाले में बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। इस मामले में राज्यपाल ने दो अफसरों की गिरफ्तारी की अनुमति दे दी है। दरअसल, राज्य सरकार के अफसरों की गिरफ्तारी के लिए राज्यपाल की अनुमति जरूरी है।
इसके लिए सीबीआई की ओर से राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद विष्णुदेव साय सरकार ने सीबीआई के आग्रह को अनुमोदित करते हुए राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेज दिया था। राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद दो और अफसरों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
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राजभवन की अनुमति इसलिए है जरूरी
ज्ञात हो कि पीएससी की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर हैं। वहीं उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर पीएससी के अफसर हैं। दोनों सरकारी अफसर हैं। ऐसे में सीबीआई बिना सरकार की अनुमति मिले इन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती है।
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खास बात ये है कि मनी लॉड्रिंग के केस में ED सरकार से बिना इजाजत लिए सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन सीबीआई को यह अधिकार नहीं है। इसके चलते CBI ने आरती वासनिक और गणवीर की गिरफ्तारी के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी।
यह फाइल राजभवन गई थी। राज्यपाल ने रायपुर आते ही इनकी गिरफ्तारी का अनुमोदन कर दिया। इसके साथ ही इन दोनों अफसरों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया।
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टामन सिंह सहित कई गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने पिछले महीने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद CBI ने राजनांदगांव में परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक से जुड़े एक शख्स के घर छापा मारा था। इसके सीबीआई आरती को पूछताछ के लिए राजनांदगांव से लेकर रायपुर आई थी। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था।
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