छत्तीसगढ़ में बेनामी संपत्ति मामलों की सुनवाई के लिए बनी विशेष अदालत,केंद्र ने गजट में किया प्रकाशन

छत्तीसगढ़ में बेनामी संपत्ति मामलों की सुनवाई के लिए रायपुर में विशेष अदालत गठित। केंद्र सरकार ने गजट में इसकी अधिसूचना जारी की।यह फैसला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से लिया गया है।

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Harrison Masih
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बेनामी संपत्ति लेनदेन के मामलों में लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। अब इन मामलों की सुनवाई के लिए छत्तीसगढ़ में विशेष अदालत (स्पेशल कोर्ट) का गठन किया गया है। भारत सरकार के राजस्व विभाग ने बेनामी संपत्ति लेनदेन (प्रतिषेध) अधिनियम, 1988 (संशोधित 2016) के तहत यह फैसला लिया है। इसके लिए राजपत्र अधिसूचना S.O. 3268(ई), दिनांक 17 जुलाई 2025 को प्रकाशित किया गया।

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क्या है फैसला?

राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, अब पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में बेनामी संपत्ति से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए VII ASJ, रायपुर की जगह XII ASJ, रायपुर की अदालत को विशेष न्यायालय नामित किया गया है। यह फैसला बिलासपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से लिया गया है।

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उच्च न्यायालय ने भी जारी किया नोटिफिकेशन

बिलासपुर हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए नए विशेष न्यायालय की नियुक्ति की पुष्टि कर दी है। इस निर्णय के बाद, अब छत्तीसगढ़ में दर्ज होने वाले सभी बेनामी लेनदेन मामलों की सुनवाई रायपुर की 12वीं अपर सत्र न्यायाधीश (XII ASJ) की अदालत में की जाएगी।

बेनामी लेनदेन क्या होता है?

बेनामी लेनदेन वह होता है जब किसी संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खरीदा जाता है, लेकिन उसका भुगतान कोई और करता है। यह तरीका आम तौर पर काले धन को छुपाने, बकाया भुगतान से बचने, या कानूनी जिम्मेदारियों से भागने के लिए अपनाया जाता है।

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क्या है सजा?

  • यदि कोई बेनामी संपत्ति लेनदेन में दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है:
  • 1 से 7 साल तक की कैद।
  • संपत्ति के बाजार मूल्य का 25% तक का जुर्माना।

गजट अधिसूचना की मुख्य बातें

  • राजपत्र अधिसूचना संख्या: S.O. 3268(ई)
  • प्रकाशन तिथि: 17 जुलाई 2025
  • अधिनियम: बेनामी संपत्ति लेनदेन प्रतिषेध अधिनियम, 1988 (संशोधित 2016)
  • नया विशेष न्यायालय: XII ASJ, रायपुर

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  • विशेष अदालत गठित: छत्तीसगढ़ में बेनामी संपत्ति मामलों की सुनवाई के लिए रायपुर स्थित XII अपर सत्र न्यायाधीश (ASJ) की अदालत को विशेष अदालत घोषित किया गया है।

  • गजट में प्रकाशन: केंद्र सरकार ने बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श से इस फैसले को भारत के राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किया।

  • VII ASJ की जगह XII ASJ: पहले इन मामलों की सुनवाई रायपुर की VII ASJ कोर्ट में होती थी, जिसे अब XII ASJ कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है।

  • बेनामी लेनदेन कानून: यह नियुक्ति बेनामी संपत्ति लेनदेन प्रतिषेध अधिनियम, 1988 (संशोधित 2016) की धारा 50(1) के तहत की गई है।

  • सख्त सजा का प्रावधान: दोषी पाए जाने पर 1 से 7 साल की जेल और संपत्ति के बाजार मूल्य के 25% तक जुर्माने का प्रावधान है।

 

सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए लागू

केंद्र सरकार का यह कदम देश में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे बेनामी लेनदेन के मामलों की सुनवाई तेज होगी और दोषियों को सख्त सजा मिल सकेगी।

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