छत्तीसगढ़ कैबिनेट विवाद पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट से मांगे जाएंगे दिशा-निर्देश

छत्तीसगढ़ में 14 मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का दावा है कि यह संविधान के अनुच्छेद 164(1A) का उल्लंघन है।

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Harrison Masih
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CG cabinet controversy: छत्तीसगढ़ सरकार में 14 मंत्रियों की नियुक्ति पर विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई आज हाईकोर्ट में हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले को सुनते हुए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से दिशा-निर्देश लाने के लिए समय दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।

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याचिकाकर्ता ने नियुक्ति को बताया असंवैधानिक

सामाजिक कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती ने अधिवक्ता अभ्युदय सिंह के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों के अनुपात में मंत्रिमंडल में अधिकतम 13 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में 14 मंत्रियों की नियुक्ति की गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 164(1A) का उल्लंघन है।

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कोर्ट में पेश किए गए सबूत

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोविड-19 के दौरान किए गए सामाजिक कार्यों के सबूत एफिडेविट के रूप में पेश किए। इसमें अखबार की कतरनें और फोटो शामिल थीं। अधिवक्ता ने कहा कि 15% से ज्यादा मंत्री नियुक्त किए गए हैं, जो संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है।

राज्य सरकार का पक्ष

सरकार की ओर से अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि मंत्रिमंडल की सीमा तय करने से संबंधित मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। यह मामला मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के मंत्रिमंडल से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के केस की कॉपी भी हाईकोर्ट में पेश की और कहा कि मामला अभी भी स्टैंड है, खारिज नहीं हुआ।

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छत्तीसगढ़ कैबिनेट विवाद के 5 मुख्य बिंदु:

  1. 14 मंत्रियों की नियुक्ति पर विवाद:
    छत्तीसगढ़ सरकार में 14 मंत्री बनाए जाने के खिलाफ जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई है।

  2. संविधान उल्लंघन का आरोप:
    याचिकाकर्ता का कहना है कि 90 सीटों वाली विधानसभा में मंत्रियों की संख्या 15% से अधिक नहीं हो सकती, यह संविधान के अनुच्छेद 164(1A) का उल्लंघन है।

  3. सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित मामला:
    राज्य सरकार का कहना है कि मंत्रिमंडल सीमा तय करने से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

  4. हाईकोर्ट ने समय दिया:
    याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से दिशा-निर्देश लेने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया गया है।

  5. अगली सुनवाई तय:
    इस मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद हाईकोर्ट में होगी।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट जाने का सुझाव दिया

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए वहीं से दिशा-निर्देश लेकर आएं। याचिकाकर्ता ने दो हफ्तों में सुप्रीम कोर्ट से निर्देश लाने की बात कही। इस पर कोर्ट ने तीन हफ्ते बाद अगली सुनवाई तय कर दी।

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FAQ

साय कैबिनेट विवाद क्या है?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट में हाल ही में 14 मंत्री बनाए गए हैं, जबकि संविधान के अनुच्छेद 164(1A) के अनुसार राज्य की 90 विधानसभा सीटों के हिसाब से केवल 13 मंत्री ही हो सकते हैं। इस कारण यह मामला विवादों में है और हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
संविधान में मंत्रियों की संख्या की क्या सीमा है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(1A) के अनुसार किसी राज्य में मंत्रियों की संख्या विधानसभा की कुल सीटों के 15% से अधिक नहीं हो सकती।
छत्तीसगढ़ कैबिनेट विवाद क्यों हुआ?
छत्तीसगढ़ कैबिनेट विवाद इसलिए हुआ क्योंकि राज्य में 90 विधानसभा सीटों के बावजूद 14 मंत्री बनाए गए हैं, जो 15% की संवैधानिक सीमा से अधिक है।

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