छत्तीसगढ़ सरकार कर रही स्कूलों का सोशल ऑडिट, 20 सवालों के आधार पर दिए जाएंगे नंबर

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत राज्य के 58 हजार स्कूलों का सोशल ऑडिट किया जा रहा है। राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए यह सोशल ऑडिट किया जा रहा है।

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Arun Tiwari
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Raipur.छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत राज्य के 58 हजार स्कूलों का सोशल ऑडिट किया जा रहा है। राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए यह सोशल ऑडिट किया जा रहा है। यह ऑडिट राज्य के सभी 58 हजार स्कूलों में किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने प्रदेश के सभी जिला एवं ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सामाजिक अंकेक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह बच्चों की शिक्षा की वास्तविक स्थिति जानने और उसे सुधारने का मौका है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी और शिक्षक के लिए जरुरी है वे इस काम में कोताही न बरतें ताकि इसके निष्कर्षों के आधार पर शिक्षा में सुधार किया जा सके। 

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20 सवालों पर स्कूलों का मूल्यांकन : 

सोशल ऑडिट के लिए बीस सवाल तैयार किए गए हैं। इन बीस सवालों में स्कूलों के आस पास रहने वाले और ग्रामीण लोगों को भी शामिल किया गया है। इसमें बच्चों की पढ़ाई लिखाई की क्षमता, गणित की समझ, शिक्षकों की उपस्थिति, लाइब्रेरी का उपयोग, परीक्षा परिणाम, स्थानीय भाषा के उपयोग जैसे कई पहलू शामिल हैं।

 इसी के साथ समुदाय से मिली प्रतिक्रियाओं के आधार पर स्कूलों की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। 2 अक्टूबर 2025 को आयोजित ग्राम सभा में विद्यालयों में सामाजिक अंकेक्षण के आयोजन के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गई। इसके बाद प्रत्येक शाला के लिए सामाजिक अंकेक्षण टीमों का गठन किया गया है, जिनमें पास के विद्यालय के शिक्षक को टीम लीडर और स्थानीय समुदाय से शिक्षा में रुचि रखने वाले सदस्यों को शामिल किया गया है।

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20 अक्टूबर तक रिपोर्ट : 

सोशल ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर 20 अक्टूबर 2025 तक जिलों को कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की सूची उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके आधार पर संबंधित अधिकारियों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे ताकि वे सुधारात्मक कार्यवाही कर सकें। इस ऑडिट के लिए प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और हाई-हायर सेकेंडरी स्तर पर प्रश्नावली तैयार करने और प्रशिक्षण देने का काम राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा किया गया है। समग्र शिक्षा इस कार्यक्रम के नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है। इस अभियान का मकसद स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के का क्रियान्वयन कर बच्चों की सीखने की क्षमता में सुधार लाना है। 

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न्यौता भोज भी होगा : 

स्कूलों द्वारा सोशल ऑडिट की तारीख तय कर समुदाय के सदस्यों को उपस्थिति के लिए आमंत्रित किया गया है। विशेष रूप से, यदि कोई परिवार अपने सगे-संबंधी की स्मृति में “न्यौता भोज” आयोजित करना चाहे तो वह भी इसी दिन किया जा सकता है। जिलों के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान समुदाय की उपस्थिति और आयोजित न्यौता भोजों की संख्या को भी आंकलन में शामिल किया जाएगा। अंकेक्षण के बाद भरे गए प्रपत्रों पर समुदाय के हस्ताक्षर लेकर उन्हें विकासखंड स्तर पर जमा किया जाएगा, जहाँ ऑनलाइन प्रविष्टि की जाएगी।

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विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर कमजोर प्रदर्शन करने वाली शालाओं की सूची तैयार की जाएगी। इन शालाओं का निरीक्षण जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा ताकि आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।

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