ढेबर का अंडर कवर वसूली एजेंट था दिपेन चावड़ा, होटल इंडियन चिली और वेलिंगटन कोर्ट की पार्किंग को बनाया वसूली का अड्डा

छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले से जुड़ी एसीबी और ईओडब्ल्यू की चार्जशीट नए नए खुलासे कर रही है। यह खुलासे हैरान करने वाले हैं। इससे पता चलता है कि किस तरह बेखौफ होकर नेता,अफसर,कारोबारियों का गठजोड़ अवैध कमाई का उद्योग चला रहा था।

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Arun Tiwari
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Raipur. छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले से जुड़ी एसीबी और EOW की चार्जशीट नए नए खुलासे कर रही है। यह खुलासे हैरान करने वाले हैं। इससे पता चलता है कि किस तरह बेखौफ होकर नेता,अफसर,कारोबारियों का गठजोड़ अवैध कमाई का उद्योग चला रहा था।

इन घोटालों की एक और अहम कड़ी है अनवर ढेबर का राइट हैंड दिपेन चावड़ा। चार्जशीट में लिखा हुआ है कि दिपेन किस तरह इस पूरे सिंडिकेट के अंडर कवर वसूली एजेंट के तौर पर काम करता था।

दिपेन, अनवर ढेबर का इतना भरोसेमंद आदमी था कि बीस-बीस करोड़ की वसूली उसी के जिम्मे थी। उसने ही अफसरों से बीस करोड़ रुपए तक वसूले हैं। वसूली का अड्डा होटल इंडियन चिली गली और वेलिंगटन कोर्ट की पार्किंग थी।

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अनवर ढेबर का “साया” था दिपेन चावड़ा : 

ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में कहा गया है कि दिपेन चावड़ा, अनवर ढेबर के सबसे भरोसेमंद व्यक्तियों में से एक था। उसने सिंडिकेट के सबसे गोपनीय मामलों में “अंडर कवर” की तरह काम किया। सिंडिकेट की सभी बड़ी रकम, केवल उसके भरोसे डिलीवर की जाती थी।

शराब घोटाले से लेकर अन्य विभागों जैसे कस्टम मिलिंग से वसूली गई अवैध रकम को वसूलने, सुरक्षित रखने, उसे छिपाने और एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का पूरा काम इसी के जिम्मे था। इन सभी कामों में दिपेन चावड़ा की सीधी भूमिका रही।

जांच एजेंसी को मिले सबूत यह बताते हैं कि दिपेन चावड़ा ने अनवर ढेबर का भरोसा जीतकर उसके साथ आपराधिक षड्यंत्र कर राइस मिलर्स से कस्टम मिलिंग के बिल भुगतान के लिए की गई अवैध वसूली को ढेबर के बताए स्थानों से इकट्ठा किया। 

घोटालों की मुख्य कड़ी था दिपेन : 

चार्जशीट कहती है कि दिपेन चावड़ा का काम केवल साधारण रूप से रकम ले जाने या रखवाने तक सीमित नहीं था, बल्कि वह प्री प्लांड योजना और समय के तहत राइस मिलरों से वसूली की गई अवैध धनराशि को तय किए गए स्थानों से लेकर उसे आगे अनवर ढेबर के नेटवर्क के जरिए आरोपी अनिल टुटेजा तक पहुंचाए जाने की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम कर रहा था।

राइस मिलरों से विशेष प्रोत्साहन राशि के भुगतान के एवज में रोशन चंद्राकर द्वारा की गई अवैध वसूली को, अनवर ढेबर के द्वारा पूरी प्लानिंग के साथ अनिल टुटेजा तक पहुंचाये जाने के पूरे अवैध वसूली तंत्र में दिपेन चावड़ा की भूमिका बेहद अहम रही है।

दिपेन न सिर्फ अवैध धनराशि को इकट्ठा करता बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक लोगों को यह रकम पहुंचा भी रहा था। यह पूरा तंत्र संगठित अपराध की काम कर रहा था। 

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इंडियन चिली और वेलिंगटन कोर्ट की पार्किंग वसूली का अड्डा : 

- दिपेन ने बताया कि अनवर ढेबर के कहने पर विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू अग्रवाल के आदमियों से इंडियन चिली और वेलिंगटन कोर्ट होटल के पार्किंग में पैसे लिये हैं और इन पैसों को अनवर ढेबर के कहने पर लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल को दिये हैं।

- लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल को  चार बार 10-10 कार्टून और बैगों में पैसा छोड़ा है। एक कार्टून अथवा बैग में 01 करोड़ रुपये आते हैं।
- तीन-चार बार मंगल भवन न्यू खुर्सीपार के पास 10-10 बैग अथवा कार्टून में पैसा छोड़ा है। छह-सात बार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रोड पर 10-10 बैग अथवा कार्टून में पैसा छोड़ा है।

- दो-तीन बार सुपेला हॉस्पिटल कोटा रोड रायपुर के पास 10-10 बैग अथवा कार्टून में पैसा छोड़ा है। लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल से संपर्क के लिये अनवर ढेबर ने मुझे आईफोन और लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल का फेसटाइम आईडी दिया था।

- विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू अग्रवाल का आदमी सोहन वर्मा एक गाड़ी में पैसा लेकर आता था। फिर मैं सोहन वर्मा की गाड़ी के पीछे जाता था। लक्ष्मीनारायण बंसल के बताये स्थान तक पैसा लेकर पहुंचाता था। 

- नौ-दस बार लक्ष्मीनारायण बंसल के पास राजीव भवन यानी पीसीसी में कार्टून अथवा बैग में पैसा छोड़ा।

- मार्च 2023 के आस-पास अनवर ढेबर ने मुझे बोला कि आबकारी विभाग के अतिरिक्त कस्टम मिलिंग का पैसा आने वाला है, उसे लेकर मैं जहां बोलूंगा वहां छोड़ देना। तीन-चार दिन के अंतराल में लगभग पाँच-छः बार इंडियन चिली एवं वेलिंगटन कोर्ट पार्किंग के पास लगभग 20 करोड़ रुपये आये थे।

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