अंतरजातीय विवाह के कारण डीएसपी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार,मामला पहुंचा थाने

छत्तीसगढ़ के डीएसपी मैखेलेंद्र प्रताप सिंह ने अंतरजातीय विवाह किया, जिसके बाद उनके परिवार का समाज द्वारा बहिष्कार कर दिया गया। परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित किया गया।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पदस्थ एक पुलिस अधिकारी को अपने व्यक्तिगत जीवन के फैसले की कीमत सामाजिक बहिष्कार के रूप में चुकानी पड़ रही है। मामला कोटा थाना क्षेत्र के बेलगहना मानिकपुर गांव का है, जहां अंतरजातीय विवाह (Inter caste marriage) करने पर DSP मैखेलेंद्र प्रताप सिंह और उनके परिवार को समाज के पदाधिकारियों ने बहिष्कृत कर दिया। अब यह विवाद थाने तक पहुंच चुका है और पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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कौन हैं डीएसपी मैखेलेंद्र प्रताप सिंह?

बिलासपुर जिले के सकरी स्थित आसमां सिटी निवासी डीएसपी मैखेलेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में सरगुजा संभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने दूसरे समाज की युवती से विवाह किया था। यह विवाह उनके पैतृक गांव कोटा थाना क्षेत्र के बेलगहना मानिकपुर के लोगों को नागवार गुज़रा। समाज के लोगों ने ना केवल उनके इस फैसले का विरोध किया, बल्कि उनके पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।

समाज की बैठक में लिया गया बहिष्कार का निर्णय

गांव में बाकायदा एक समाजिक बैठक आयोजित कर डीएसपी के परिवार उनके भाई-बहन और अन्य रिश्तेदारों को बहिष्कृत करने का फैसला लिया गया। बहिष्कार के बाद न केवल गांव के लोगों ने उनसे सभी रिश्ते खत्म कर लिए, बल्कि उनके किसी पारिवारिक आयोजन में हिस्सा लेना भी बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं, रिश्तेदारों को समाज के अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने से भी रोक दिया गया।

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बहिष्कार के चलते मानसिक प्रताड़ना

डीएसपी के परिजनों ने बताया कि वे लंबे समय से इस सामाजिक बहिष्कार और सामाजिक बहिष्कृत व्यवहार से मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्हें ना तो किसी शादी, उत्सव या धार्मिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है और न ही उन्हें कहीं शामिल होने दिया जाता है। इस उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने पूरी स्थिति की जानकारी डीएसपी को दी।

थाने में रिपोर्ट, अपराध दर्ज

डीएसपी मैखेलेंद्र प्रताप सिंह ने कोटा थाना पहुंचकर वीरेंद्र कुमार सिंह, श्रवण सिंह, धर्मेंद्र पाल सहित कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने उनकी शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 7,2,296,3,5,351,2 के तहत अपराध कायम कर लिया है और मामले की विवेचना शुरू कर दी है।

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DSP's family Social boycotted

  • अंतरजातीय विवाह बना विवाद की जड़
    डीएसपी मैखेलेंद्र प्रताप सिंह ने दूसरे समाज की लड़की से शादी की, जिससे समाज के लोग नाराज़ हो गए।

  • परिवार का किया गया सामाजिक बहिष्कार
    गांव में बैठक कर समाज के लोगों ने डीएसपी के परिवार और रिश्तेदारों को बहिष्कृत कर दिया।

  • सामाजिक कार्यक्रमों से भी रखा गया दूर
    डीएसपी के परिजनों को किसी कार्यक्रम में न बुलाया गया, न ही जाने दिया गया।

  • डीएसपी ने पुलिस में दर्ज कराई एफआईआर
    सामाजिक प्रताड़ना से तंग आकर डीएसपी ने कोटा थाना में मामला दर्ज करवाया।

  • कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज
    पुलिस ने बीएनएस की कई धाराओं के तहत वीरेंद्र सिंह समेत अन्य लोगों पर अपराध कायम किया है।

डीएसपी ने किया अंतरजातीय विवाह 

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सामाजिक स्वतंत्रता बनाम सामाजिक दंड

यह मामला छत्तीसगढ़ में सामाजिक जड़ताओं और आधुनिक वैचारिक स्वतंत्रता के बीच टकराव का उदाहरण बनकर सामने आया है। जब एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी को भी सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, तो यह सवाल खड़ा करता है कि आम नागरिकों की सामाजिक स्वतंत्रता कितनी सुरक्षित है।

FAQ

डीएसपी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार क्यों किया गया?
डीएसपी मैखेलेंद्र प्रताप सिंह के अंतरजातीय विवाह के कारण समाज के पदाधिकारियों ने नाराज़ होकर उनके परिवार और रिश्तेदारों का बहिष्कार कर दिया।
सामाजिक बहिष्कार क्या होता है और इसके क्या प्रभाव होते हैं?
सामाजिक बहिष्कार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति या उसके परिवार को समाज या समुदाय से अलग-थलग कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में व्यक्ति को सामाजिक आयोजनों, धार्मिक गतिविधियों, शादी-विवाह जैसे सामूहिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने दिया जाता। यह मानसिक, सामाजिक और कभी-कभी आर्थिक उत्पीड़न का कारण बनता है। भारत में यह एक आपराधिक कृत्य माना जा सकता है, खासकर जब यह जाति, धर्म या विवाह के आधार पर किया जाए।
सामाजिक बहिष्कार के मामले में किन धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है?
बीएनएस की धारा 7,2,296,3,5,351,2 के तहत वीरेंद्र कुमार सिंह, श्रवण सिंह, धर्मेंद्र पाल और अन्य पर मामला दर्ज किया गया है।

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