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Durg land scam: छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में एक बड़े जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। राज्य सरकार के ऑनलाइन भुइयां ऐप के माध्यम से भू-माफियाओं ने पटवारियों की आईडी हैक कर 765 एकड़ से अधिक सरकारी और निजी जमीन को फर्जी तरीके से अलग-अलग व्यक्तियों के नाम कर दिया।
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घोटाले का दायरा और प्रभावित इलाके
जानकारी के अनुसार यह घोटाला मुरमुंदा पटवारी हल्का के चार गांवों में हुआ:
- मुरमुंदा: 75 हेक्टेयर सरकारी + 22 हेक्टेयर निजी जमीन
- अछोटी: 45.304 हेक्टेयर सरकारी + 27.087 हेक्टेयर निजी जमीन
- चेटुवा: 87.524 हेक्टेयर सरकारी जमीन
- बोरसी: 47.742 हेक्टेयर निजी जमीन
इस घोटाले में जमीनों को फर्जी बटांकन कर अलग-अलग नामों में दर्ज किया गया और कई जमीनें बैंकों में गिरवी रखकर लोन भी ली गई। उदाहरण के तौर पर, दिनूराम यादव ने 25 जून 2025 को 46 लाख रुपए का लोन लिया, जबकि 2 जुलाई 2025 को एक अन्य व्यक्ति ने 36 लाख रुपए का लोन लिया।
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सिंडिकेट और आरोपी
जांच में पता चला कि इस घोटाले में बड़ा सिंडिकेट सक्रिय था। इसके तार रायपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा तक फैले हुए हैं। घोटाले में शामिल मुख्य नाम इस प्रकार हैं:
- दिनूराम यादव
- एसराम
- शियाकांत वर्मा
- हरिशचंद्र निषाद
- सुरेंद्र कुमार
- जयंत
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सरकारी कार्रवाई
दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने बताया कि धारा 115/16 के तहत एसडीएम ने मामला दर्ज कर गड़बड़ी सुधार दी है। आईडी हैकिंग की तकनीकी जानकारी एनआईसी से ली जा रही है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि “765 एकड़ नहीं, 765 इंच जमीन की भी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी। इसमें शामिल किसी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। यह सरकार सुशासन और सुदर्शन के साथ काम कर रही है।”
पटवारियों पर कार्रवाई
पाटन के पटवारी मनोज नायक और मुरमुंदा के पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा को निलंबित किया गया। 18 अन्य पटवारियों का तबादला कर दिया गया। जांच टीम का मानना है कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा था और इसमें कई स्तर पर मिलीभगत शामिल थी। जमीन को सही नामों में पुनः दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी है।
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765 एकड़ जमीन घोटालादो पटवारी निलंबित
दुर्ग जमीन घोटाले की मुख्य बातें
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भुइयां ऐप घोटाला
प्रभाव और भविष्य
इस घोटाले के खुलासे से स्पष्ट हुआ कि ऑनलाइन सिस्टम में सुरक्षा की कमियाँ का फायदा उठाकर भू-माफिया बड़े पैमाने पर फर्जी रिकार्ड तैयार कर रहे थे। राज्य सरकार ने कड़ा संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर सरकारी या निजी जमीन के हेराफेरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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