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छत्तीसगढ़ में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रदेश भर के युवाओं से करीब 4.5 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। ठगों ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति निरीक्षक, सीएसपीडीसीएल सहायक अभियंता और एनटीपीसी इंजीनियर की फर्जी नियुक्तियां देकर बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाया। इस गोरखधंधे का खुलासा उस वक्त हुआ जब पीड़ित जॉइनिंग के लिए पहुंचे और उन्हें फर्जीवाड़े का अहसास हुआ।
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कैसे दिया गया नौकरी का झांसा?
अंबिकापुर निवासी मुख्य आरोपी रजत कुमार गुप्ता ने बाकायदा नियुक्ति पत्र बांटे, जिनमें सरकारी विभागों की मुहरें और हस्ताक्षर फर्जी तरीके से शामिल किए गए थे। इसके लिए उसने अलग-अलग पदों के नाम पर अलग-अलग रेट तय किए – जैसे 20 लाख रुपए में फूड इंस्पेक्टर और 15 लाख में एनटीपीसी इंजीनियर की पोस्ट। कुछ युवाओं से साक्षात्कार और मेरिट सूची का हवाला देकर ठगी की गई।
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किन्हें बनाया गया शिकार?
दुर्ग की सीएमएचओ कार्यालय की कर्मचारी प्रिया देशमुख, बिलासपुर और बलौदाबाजार के 14 से अधिक युवाओं को ठगों ने निशाना बनाया।
बिलासपुर निवासी मोनीषा सिंह ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है और प्रिया देशमुख को भी इसमें आरोपी बताया गया है।
दूसरी ओर, प्रिया देशमुख ने खुद को पीड़िता बताते हुए एफआईआर में बताया कि रजत गुप्ता, उसकी पत्नी ओमलक्ष्मी, कंप्यूटर केयर रायपुर के संचालक और एक अन्य व्यक्ति इस ठगी में शामिल हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
जब सभी पीड़ित सरकारी दफ्तरों में जॉइनिंग के लिए पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि जिन नियुक्ति पत्रों के आधार पर वे आए हैं, वे फर्जी हैं।
सीएसपीडीसीएल में सहायक अभियंता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निरीक्षक, और एनटीपीसी इंजीनियर के नाम पर लोगों से पैसे वसूल कर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए गए थे।
इन फर्जी आदेशों में पुरानी परीक्षाओं (22 फरवरी 2022) और इंटरव्यू (18 जनवरी 2021) का हवाला देते हुए जॉइनिंग डेट और मासिक वेतन भी उल्लेखित था।
आरोपी ने खुद बनाई एक नौकरी नेटवर्क की स्कीम
एनटीपीसी की फर्जी नियुक्तियों में जनरल मैनेजर आर.सी. पटनायक के हस्ताक्षर दर्शाए गए हैं। एक अन्य एफआईआर में प्रिया देशमुख और रजत गुप्ता के बीच नायब तहसीलदार बनाने के लिए 50 लाख की सौदेबाजी का भी खुलासा हुआ है। रजत ने प्रिया से 25 लाख अग्रिम लेकर बाकी रकम नौकरी लगने के बाद मांगने की बात की थी।
फर्जी नियुक्ति पत्र में ये जानकारियां थीं शामिल:
- विभाग: खाद्य नागरिक आपूर्ति, सीएसपीडीसीएल, एनटीपीसी
- पदनाम: निरीक्षक, सहायक अभियंता, असिस्टेंट इंजीनियर
- नियुक्ति तिथि, परीक्षा की तिथि और साक्षात्कार की झूठी जानकारी
- नकली हस्ताक्षर: जितेंद्र कुमार शुक्ला (संचालक), आर.सी. पटनायक (जनरल मैनेजर, एनटीपीसी)
- वेतन विवरण: ₹39,000 प्रति माह + ₹1,750 एलाउंस
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पुलिस जांच जारी, मुख्य आरोपी फरार
फिलहाल, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कई नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि मुख्य सरगना रजत गुप्ता फिलहाल फरार है। ठगी का यह मामला पूरे प्रदेश के बेरोजगारों के लिए चेतावनी है कि किसी भी नियुक्ति पत्र की विधिवत जांच-पड़ताल और सत्यापन जरूरी है।
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