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Bilaspur. छत्तीसगढ़ के फार्मेसी कॉलेजों के लिए हाईकोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई है। कोर्ट ने राज्य के सभी डी.फार्मेसी और बी.फार्मेसी कॉलेजों को 60 सीटों पर एडमिशन की अनुमति दे दी है। हालांकि यह अनुमति सशर्त है- कॉलेजों को अपने संस्थानों में पाई गई कमियों को 6 महीने के भीतर सुधारना होगा, वरना आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा और विश्वविद्यालय कार्रवाई कर सकेगा।
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सीटें घटाकर 30 करने का था आदेश
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU) ने 3 अक्टूबर 2025 को आदेश जारी कर कई फार्मेसी कॉलेजों की सीटें 60 से घटाकर 30 कर दी थीं। विश्वविद्यालय ने यह कदम निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर उठाया था, जिसमें कई कॉलेजों में नियमित प्रिंसिपल और शिक्षकों की कमी पाई गई थी।
इस आदेश के खिलाफ राज्य के 8 फार्मेसी कॉलेजों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। कॉलेजों का कहना था कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने पहले ही 60 सीटों की मंजूरी दी है, और विश्वविद्यालय को यह सीटें घटाने का अधिकार नहीं है।
हाईकोर्ट का फैसला
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कॉलेजों के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा- “फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की अधिसूचना के अनुसार फिलहाल 60 सीटें स्वीकृत रहेंगी, और कॉलेज इन पर 2025-26 सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।”
साथ ही, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कॉलेजों को 6 महीने के भीतर सभी कमियां दूर करनी होंगी। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो यह राहत स्वतः समाप्त मानी जाएगी और विश्वविद्यालय को कार्रवाई करने की पूरी छूट होगी।
क्यों घटी थीं सीटें
CSVTU की टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि कई कॉलेजों में नियमित शिक्षक नहीं हैं, कई जगहों पर प्रिंसिपल के पद खाली हैं, और कुछ कॉलेजों में लैब, लाइब्रेरी और क्लासरूम की सुविधाएं अधूरी हैं। इसी के चलते विश्वविद्यालय ने लगभग 52 फार्मेसी कॉलेजों की 50% सीटें घटा दी थीं, जिससे करीब ढाई हजार सीटें कम हो गई थीं।
निजी कॉलेजों का आरोप
निजी फार्मेसी कॉलेज समूह ने विश्वविद्यालय के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा। उनका कहना है कि कुछ निजी विश्वविद्यालयों ने बिना अनुमति फार्मेसी कोर्स शुरू किए हैं और अपनी सीटें व फीस मनमाने तरीके से बढ़ाई हैं। इन समूहों का आरोप है कि उन्हीं के दबाव में CSVTU ने नियम विरुद्ध तरीके से निजी फार्मेसी कॉलेजों की सीटें घटाई हैं।
नियुक्ति के लिए तय हुई समयसीमा
CSVTU के रजिस्ट्रार डॉ. अंकित अरोड़ा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को 6 महीने का समय दिया है ताकि वे नियमित शिक्षक और प्रिंसिपल की नियुक्ति कर सकें। अगर इस अवधि में सुधार नहीं हुआ, तो सीटें फिर से घटाई जाएंगी और कॉलेजों की संबद्धता पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
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वर्तमान स्थिति
- छत्तीसगढ़ में 100 से अधिक फार्मेसी कॉलेज CSVTU से संबद्ध हैं।
- सत्र 2025-26 के लिए कॉलेजों को अब अस्थायी राहत मिली है।
- मई 2025 में हुई फार्मेसी प्रवेश परीक्षा में 16,422 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
- पिछली बार डी.फार्मेसी और बी.फार्मेसी की कुल 9,329 सीटें थीं।
- इस बार कॉलेजों में सीटें घटने से प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका थी।