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CG NAN Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले मामले में आज आलोक शुक्ला तीसरी बार ED की विशेष कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे। कोर्ट ने उनके सरेंडर आवेदन को स्वीकार कर लिए है। आलोक शुक्ला रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। वहीं, रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा की भी जल्द गिरफ्तारी होने की संभावना है। ED उन्हें रिमांड पर ले सकती है।
मामले की पृष्ठभूमि
नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया था, जब ACB/EOW ने राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के 25 परिसरों पर छापे मारे। जांच में पता चला कि राइस मिलों से घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई। इसके अलावा, चावल और नमक की गुणवत्ता जांच में घटिया और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए।
शुरुआत में 27 लोग आरोपी थे, जिनमें निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और एमडी भी शामिल थे। बाद में मामले में दो IAS अधिकारी – आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को भी आरोपी बनाया गया।
आज की कार्रवाई
आलोक शुक्ला (IAS Alok Shukla) आज कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे। उन्होंने पहले दो हफ्ते ED कस्टडी और उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहने का सामना करना है। रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा (IAS Anil Tuteja) की गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट कोर्ट में दायर किया गया है। वह पूर्व से जेल में हैं। कोर्ट ने आरोपियों की सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
ईडी की टीम ने आलोक शुक्ला के भिलाई स्थित घर में 18 सितंबर को दबिश दी थी। हालांकि, उस दिन कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश अपलोड न होने का हवाला देते हुए सरेंडर रोक दिया। बाद में सुनवाई टल गई।
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आरोप और संदिग्ध गतिविधियां
आलोक शुक्ला उस समय नान के चेयरमैन थे और अनिल टुटेजा सचिव। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने EOW की जांच प्रभावित करने की कोशिश की। जांच के अनुसार, भूपेश सरकार में दोनों अधिकारियों को पॉवरफुल पोस्टिंग दी गई थी, जिसमें नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने के आरोप लगे। अन्य आरोपियों में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा भी शामिल हैं।