छत्तीसगढ़ नान घोटाला: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ED रिमांड पर,16 अक्टूबर तक होगी पूछताछ

छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित नान घोटाला फिर सुर्खियों में है। पूर्व IAS अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें ED की रिमांड पर भेज दिया गया है। क्या रिमांड में पूछताछ उनके खिलाफ नए सबूत सामने ला पाएगी?

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Harrison Masih
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CG NAN Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। रिटायर्ड IAS अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला शुक्रवार को तीसरी बार ईडी की विशेष कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे, जहां कोर्ट ने उनके सरेंडर आवेदन को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही अदालत ने आलोक शुक्ला और सह आरोपी अनिल टुटेजा को 16 अक्टूबर तक ED की रिमांड पर भेज दिया है। ईडी की टीम अब दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाने की तैयारी कर रही है।

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मामले की पृष्ठभूमि

नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया था, जब ACB/EOW ने राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के 25 परिसरों पर छापे मारे। जांच में पता चला कि राइस मिलों से घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई। इसके अलावा, चावल और नमक की गुणवत्ता जांच में घटिया और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए गए।

शुरुआत में 27 लोग आरोपी थे, जिनमें निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और एमडी भी शामिल थे। बाद में मामले में दो IAS अधिकारी – आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को भी आरोपी बनाया गया।

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आज की कार्रवाई

आलोक शुक्ला (IAS Alok Shukla) आज कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे। उन्होंने पहले दो हफ्ते ED कस्टडी और उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहने का सामना करना है। रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा (IAS Anil Tuteja) की गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट कोर्ट में दायर किया गया है। वह पूर्व से जेल में हैं। कोर्ट ने आरोपियों की सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

ईडी की टीम ने आलोक शुक्ला के भिलाई स्थित घर में 18 सितंबर को दबिश दी थी। हालांकि, उस दिन कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश अपलोड न होने का हवाला देते हुए सरेंडर रोक दिया। बाद में सुनवाई टल गई।

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रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला गिरफ्तार: ऐसे समझें मामला

  1. गिरफ्तारी और रिमांड
    रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला को ED की विशेष कोर्ट में सरेंडर करने के बाद गिरफ्तार किया गया। उन्हें 16 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर रखा जाएगा, ताकि नान घोटाले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा सके।

  2. अनिल टुटेजा की संलिप्तता
    नान घोटाले में पूर्व IAS अनिल टुटेजा भी आरोपी हैं। उन्हें भी प्रोडक्शन वारंट के जरिए कोर्ट में पेश 16 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है।

  3. सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई जमानत याचिका
    हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

  4. नान घोटाले का पूरा मामला
    2015 में उजागर नान घोटाले में घटिया चावल और नमक का वितरण, करोड़ों की रिश्वत और भ्रष्टाचार शामिल था। राइस मिलों से घटिया चावल लेने और इसके बदले पैसे लेने के आरोप सामने आए।

  5. भूपेश सरकार में मिली पॉवरफुल पोस्टिंग
    जमानत मिलने के बाद दोनों अधिकारियों को कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया गया। इस दौरान EOW की जांच प्रभावित करने की कोशिश का आरोप भी उन पर है।

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आरोप और संदिग्ध गतिविधियां

आलोक शुक्ला उस समय नान के चेयरमैन थे और अनिल टुटेजा सचिव। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने EOW की जांच प्रभावित करने की कोशिश की। जांच के अनुसार, भूपेश सरकार में दोनों अधिकारियों को पॉवरफुल पोस्टिंग दी गई थी, जिसमें नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने के आरोप लगे। अन्य आरोपियों में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा भी शामिल हैं।

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