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Naxalite couple arrested in Raipur: छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर से नक्सली संगठन से जुड़े एक पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। इंटेलिजेंस सूत्रों की सूचना पर हुई इस कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि दोनों बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और लंबे समय से राजधानी रायपुर में रहकर नक्सली गतिविधियों को समर्थन दे रहे थे।
कौन हैं आरोपी पति-पत्नी?
गिरफ्तार किए गए नक्सली दंपति की पहचान जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28 वर्ष) और कमला कुरसम (27 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों साल 2017-18 में नक्सली संगठन से जुड़े थे। बीते 5–6 वर्षों से रायपुर के डीडी नगर थाना क्षेत्र के चंगोराभाठा इलाके में रह रहे थे। पूछताछ में पता चला कि रमेश कई बार अधिकारियों के घरों में गार्ड और ड्राइवर की नौकरी भी कर चुका है।
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फर्जी आधार कार्ड से लिया था किराए का मकान
कमला कुरसम ने मकान मालिक को फर्जी आधार कार्ड देकर मकान किराए पर लिया था। आधार कार्ड में नाम बदलकर दिखाया गया था। मकान मालिक को इलाज कराने के बहाने से किराए पर मकान लेने की बात कही गई थी। जिस मकान से दोनों गिरफ्तार हुए, वहां वे महज 1 महीने पहले ही शिफ्ट हुए थे।
कैसे हुआ नक्सली दंपती गिरफ्तार?
पुलिस को सूचना मिली थी कि रायपुर में कुछ लोग नक्सल संगठन के शहरी नेटवर्क से जुड़े हैं। इंटेलिजेंस इनपुट के बाद डीडी नगर पुलिस ने चंगोराभाठा इलाके में घेराबंदी कर दबिश दी। पति-पत्नी शुरू में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते रहे, लेकिन कड़ाई से पूछताछ पर सच सामने आ गया। पुलिस ने उनके घर से कई अहम दस्तावेज, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किया है।
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कोर्ट की कार्रवाई
दोनों आरोपियों को गुरुवार को बिलासपुर NIA कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने महिला को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। जग्गू उर्फ रमेश को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में सामने आएगा कि वे किस तरह की जानकारी नक्सल संगठन को भेजते थे और किन-किन जगहों पर नौकरी कर चुके हैं।
नक्सली पति-पत्नी गिरफ्तार: जानिए कैसे हुआ खुलासा
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बस्तर से नक्सलवाद खत्म करने की कोशिश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में बस्तर जिले को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया है। अब यहां सड़कों, नेटवर्क कनेक्टिविटी और सुरक्षाबलों के कैंप बनने लगे हैं। जिन इलाकों (झीरम घाटी, तुलसी डोंगरी) में कभी फोर्स पहुंचना मुश्किल था, वहां अब सुरक्षाबल तैनात हैं।
बस्तर डिवीजन, जो कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माना जाता था, अब धीरे-धीरे नक्सलवाद से मुक्त होने की राह पर है। इस गिरफ्तारी ने साफ कर दिया है कि नक्सल संगठन अब शहरों में अंडरग्राउंड नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस दंपति ने कितने समय तक और किन-किन सूचनाओं को नक्सलियों तक पहुंचाया।