छत्तीसगढ़ में शराब को लेकर फिर से सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश में शराब की 67 और नई दुकानें खुलने वाली हैं। इसके पीछे की छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा राज्य की इकोनॉमी को बढ़ाना है।
इन दुकानों को मिलाकर अब प्रदेश में कुल शराब दुकानों की संख्या 741 हो जाएगी। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस मानसून सत्र में सरकार की घेराबंदी करेगी। विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होगा।
राज्य में शराब की खपत बढ़ाने की मंशा
राज्य सरकार ने 67 नई शराब दुकानों को खोलने का फैसला लिया है। अब प्रदेश में शराब की पंजीकृत दुकानों की संख्या 741 हो जाएगी। यह कदम राज्य में शराब की खपत को बढ़ाने के लिए उठाया है।
इसी के साथ ही राजनीतिक विवाद भी प्रदेश में तेज हो गया है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में सत्ताधारी दल को घेरने की तैयारी में हैं।
राजधानी में ही खुलेंगी 10 नई दुकानें
इस साल छत्तीसगढ़ में 67 नई शराब की दुकानें खोली जाएंगी, जिनमें से 10 दुकानें राजधानी रायपुर और उसके आसपास खुलेंगी। आबकारी विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पिछले 15 महीने में राज्य में शराब की दुकानों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। अब विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई। सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि जनता के स्वास्थ्य के प्रति सरकार संवेदनशील नहीं है।
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सरकार युक्तियुक्तकरण नीति क्यों नहीं लाती: कांग्रेस
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और विधायक देवेन्द्र यादव बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा सुशासन के नाम पर सरकार शराब की दुकानें खोल रही हैं। प्रदेश में लगातार स्कूल बंद किए जा रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि शराब की दुकानों के मामले में सरकार युक्तियुक्तकरण की नीति क्यों नहीं ला रही है? यादव ने आगे कहा कि शराब की दुकानों को लेकर सरकार डरती है, लेकिन हम इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे।
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शराबबंदी का वादा कर कांग्रेस भूली
इधर कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कांग्रेस के वादों को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का वादा कांग्रेस की सरकार ने किया था, क्या हुआ?
उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल सरकार में शराब के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। इसकी वजह से तत्कालीन आबकारी मंत्री को जेल जाना पड़ा।
अनुराग ने कहा कि कांग्रेस को प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए। कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि उसके शासन में कितने स्कूल बंद हुए और कितने शिक्षकों को नौकरी दी है।
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बढ़ती खपत और सरकारी राजस्व
छत्तीसगढ़ में शराब की खपत तेजी से बढ़ रही है। इसका खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 34% पुरुष और 5% महिलाएं शराब पीतीं हैं। वहीं प्रदेश में आबादी के हिसाब से शराब की खपत सबसे ज्यादा है।
2021-22 में शराब की बिक्री से लगभग 5,500 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ।
2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये हुआ।
2023-24 में 6,500 करोड़ रुपये की बिक्री हुई।
2025-26 में शराब बिक्री से 10,000 करोड़ रुपये की उम्मीद है।
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तीखी बहसों से भरा रहेगा मानसून सत्र
विधानसभा मानसून सत्र का आगामी मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, और इस बार सत्र सियासी हलचल और तीखी बहसों से भरा रहने वाला है।
अब तक विधायकों ने लगभग एक हजार सवाल लगाए हैं, जिनमें कानून-व्यवस्था, योजनाओं में भ्रष्टाचार, शासकीय कार्यों में लापरवाही, शराब नीति और योजनाओं की विफलता जैसे मुद्दे प्रमुखता से शामिल हैं।
विपक्ष की रणनीति स्पष्ट है, और वह सत्र के हर दिन सरकार को घेरे रखने के मूड में है। विपक्षी दलों के सवाल सरकार की नीतियों, फैसलों और योजनाओं के साथ-साथ शराब की दुकानों को लेकर भी उठाए जाएंगे। CG News
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