सरकार ने तैयार किया धान खरीदी नीति का मसौदा, कैबिनेट की बैठक में मिल सकती है मंजूरी

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का मौसम आ गया है। सरकार ने धान खरीदी नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। 10 अक्टूब को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में इस पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है।

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Arun Tiwari
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Raipur.छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का मौसम आ गया है। सरकार ने धान खरीदी नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। 10 अक्टूब को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में इस पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। इस साल सरकार 15 नवंबर से धान की खरीदी शुरु कर सकती है। इस बार पिछली बार से ज्यादा धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी कर रही है। किसान पोर्टल या एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसाों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। लेकिन सबसे जरुरी बात ये है कि इस बार दीवाली पर किसानों की जेब खाली रहेगी।  

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धान खरीदी की नई नीति तैयार : 

छत्तीसगढ़ में इस साल धान खरीदी की शुरुआत 15 नवंबर से होने की संभावना है। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है। शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की अगली बैठक में धान उपार्जन नीति को मंजूरी मिल सकती है। सरकार इस साल भी किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल  की दर से धान खरीदेगी।

इसमें 2369 रुपये केंद्र सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत और 731 रुपये राज्य सरकार की ओर से बोनस के रूप में दिए जाएंगे। खरीदी में देरी से किसानों के सामने परेशानी पैदा हो गई है। दीवाली पर किसानों की जेब खाली ही रहेगी। इस बार दीपावल अक्टूबर में होने के कारण उनको धान बेचने का पैसा नहीं मिल पाएगा। प्रदेश के पंजीकृत किसानों से इस बार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी होगी। 

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एग्रीस्टैक पोर्टल पर 31 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन : 

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल में रजिस्ट्रेशन जरुरी है। एग्रीस्टैक पोर्टल भारत सरकार द्वारा विकसित एक यूनिफाइड एग्रीकल्चर डेटाबेस है, जिसमें किसानों का भूमि एवं आधार लिंक्ड पंजीयन किया जाता है। रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) मिलती है। इस आधार लिंक्ड डेटाबेस से फर्जीवाड़े की आशंका नहीं रहती और वास्तविक किसान के पास सीधे राशि पहुंचती है।

 31 अक्टूबर तक किसान इसमें रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क किया जा सकता है। अब तक 21.47 लाख किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया है। शेष किसान अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित केंद्र में जाकर 31 अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में सभी समितियों और जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

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धान का रकबा घटा, फिर भी बंपर उत्पादन अनुमनित :

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस बार धान की बोआई का रकबा घटा है। इस वर्ष 38.3 लाख हेक्टेयर में बोआई हुई है, जबकि पिछले वर्ष 38.8 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की गई थी। पिछले साल राज्य के 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था। राज्य में कुल 2739 धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी की तैयारी की जा रही है।

पिछले वर्ष की तुलना में इस बार खरीदी का लक्ष्य पिछली बार से ज्यादा है। वर्ष 2024-25 में कुल 149 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। किसानों को सरकार सीधे भुगतान करेगी। धान बेचने के साथ ही उसका भुगतान बोनस समेत किसानों के खाते में पहुंच जाएगा। 

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धान कुटाई भी शुरु : 

छत्तीसगढ़ में धान सियासत में भी बहुत असर रखती है। यही कारण है कि धान खरीदी का मौसम आते ही धान कुटाई भी शुरु हो चुकी है। अभी सरकार ने धान  खरीदी नीति जारी भी नहीं की है और कांग्रेस ने मोर्चा खोल लिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य सरकार से मांग की है कि धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाए।

उन्होंने कहा कि राज्य के किसान पहले ही बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में धान खरीदी की देरी उन्हें और मुश्किल में डाल देगी। दीपक बैज ने कहा कि धान का मूल्य 3100 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 2024-25 की वृद्धि 117 रुपए और 2025-26 की वृद्धि  69 रुपए जोड़कर कुल 3286 प्रति क्विंटल तय किया जाना चाहिए।

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