रायपुर ISIS केस में स्टूडेंट्स के माइनर नेटवर्क की कड़ी तक पहुंची ATS, इंस्टाग्राम से तकनीकी डेटा जुटाने की प्रक्रिया शुरू

राज्य पुलिस की इंटेलिजेंस विंग (गुप्तवार्ता) की विशेष इकाई एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने राज्य में सक्रिय उस डिजिटल नेटवर्क को समझने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें रायपुर के दो हाई स्कूल के छात्रों की भूमिका सामने आई थी।

author-image
VINAY VERMA
New Update
cg-raipur-ats-instagram-network-ISIS-links-uapa-case
Listen to this article
00:00/ 00:00

Raipur. राज्य पुलिस की इंटेलिजेंस विंग (गुप्तवार्ता) की विशेष इकाई एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने राज्य में सक्रिय उस डिजिटल नेटवर्क को समझने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें रायपुर के दो हाई स्कूल के छात्रों की भूमिका सामने आई थी। ATS अब अमेरिका स्थित इंस्टाग्राम मुख्यालय से लॉगिन रूट्स चैट बैकअप्स मेटाडेटा सर्वर रिकॉर्ड और समूह गतिविधियों से संबंधित विस्तृत तकनीकी जानकारी औपचारिक रूप से मांगने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। राज्य पुलिस के इंटेलिजेंस विंग के अनुसार प्लेटफॉर्म स्तर के प्रमाणित डेटा के बिना विदेशी संपर्कों की पूरी शृंखला सामने आना संभव नहीं है। दोनों छात्र इस समय जुवेनाइल होम राजधानी स्थित माना में हैं, जहाँ उन्हें इसी सप्ताह किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किए जाने के बाद रखा गया है।

समूह चैट में कई सदस्यों की आईडी...

ATS जांच की दिशा तब बदली जब जब्त किए गए मोबाइल उपकरणों के फॉरेंसिक विश्लेषण में एक इंस्टाग्राम समूह चैट खुली, जिसके सदस्यों में कई ऐसी आईडी सामने आईं। जिनके लोकेशन लिंक विदेशी देशों और भारत के कई राज्यों से जुड़ते पाए गए। यह पैटर्न संकेत देता है कि ये छात्र किसी स्थानीय या सीमित दायरे के समूह का हिस्सा नहीं थे, बल्कि एक संरचित डिजिटल नेटवर्क से जुड़े थे जो कई न्यायक्षेत्रों में फैला हुआ है। अधिकारी ने कहा कि प्लेटफॉर्म द्वारा प्रमाणित डेटा मिलने से इस नेटवर्क की वास्तविक संरचना मैप की जा सकेगी।

ये खबर भी पढ़ें... 

छत्तीसगढ़ में ISIS नेटवर्क का खुलासा: ATS ने दो नाबालिगों को पकड़ा, UAPA के तहत पहली FIR दर्ज

छत्तीसगढ़ में ISIS मॉड्यूल का खुलासा: बड़े आतंकी हमले की तैयारी में थे 100 से ज्यादा नाबालिग, ATS ने 4 को पकड़ा

विदेशी हैंडलर्स से सम्पर्क था..

ATS जिस तकनीकी डॉसियर की मांग इंस्टाग्राम से कर रही है, उसमें गहराई से विश्लेषण करने वाले कई बिंदु शामिल हैं। जांच टीम द्वारा किए गए लॉग रिव्यू ने यह भी पुष्टि की है कि दोनों छात्रों का संपर्क एक से अधिक विदेशी डिजिटल हैंडलर्स से हुआ था। शुरुआती निष्कर्ष पाकिस्तान लिंक्ड एक डिजिटल संपर्क की ओर इशारा करते थे। बाद के विश्लेषण में यह पैटर्न विस्तृत मिला जिससे संकेत मिला कि संपर्क बिंदु एक से अधिक देशों से जुड़े हो सकते हैं। ATS का मत है कि इंस्टाग्राम से प्राप्त प्रमाणित सर्वर डेटा यह स्पष्ट करेगा कि ये बाहरी लिंक स्वतंत्र रूप से सक्रिय थे या किसी समन्वित श्रृंखला के हिस्से के रूप में कार्य कर रहे थे।

अरबी भाषा सीख रहा था छात्र...

जांच के दौरान पाया गया कि एक छात्र लगातार अरबी सीखने वाले टूल्स और ऐप्लिकेशन का उपयोग कर रहा था। अधिकारी के अनुसार यह प्रयास इस मंशा से था कि विदेशी स्रोतों से सीधे संवाद स्थापित किया जा सके और मध्यस्थों की आवश्यकता कम हो। यह प्रवृत्ति विदेशी संपर्कों से सीधे जुड़ने की चेतावनी देने वाली है। और इसका तकनीकी सत्यापन इंस्टाग्राम डेटा के माध्यम से किया जाएगा।

हथियार खरीदने की कोशिश..

तकनीकी टीम को एक और गंभीर पहलू तब मिला जब डार्क वेब ब्राउजिंग ट्रेल्स में हथियारों की कीमतें खरीद के तरीके और अवैध ऑनलाइन बाजारों तक पहुँच के बारे में लगातार की गई खोजों का पता चला। ATS ने इस व्यवहार को उच्च जोखिम श्रेणी में रखा है और माना है कि इसे प्लेटफॉर्म लॉग्स से मिलान करना जांच की अगली अहम आवश्यकता है।

ये खबर भी पढ़ें... 

पढ़े-लिखे आतंकी ज्यादा खतरनाक? दिल्ली ब्लास्ट में व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश

ISIS मॉड्यूल मामला: भोपाल NIA की टीम ने जबलपुर से की एक और गिरफ्तारी, कासिफ नाम का शख्स गिरफ्तार

ISIS Raipur नाम से एक समूह बनाया था..

ये निष्कर्ष उस पहले से सामने आए तथ्य से मेल खाते हैं कि छात्रों में से एक ने इंस्टाग्राम पर ISIS Raipur नाम से एक समूह बनाया था और उसमें अपने साथियों को जोड़ने की कोशिश की थी। अब तक बरामद सामग्री में कट्टरपंथी वीडियो प्रतीक चिन्ह संदिग्ध लोकेशन संकेत और विदेशी टास्किंग के अनुरूप दिखाई देने वाले पैटर्न मिले हैं। ATS अधिकारी का कहना है कि यह सब अभी प्रारंभिक स्तर के डिजिटल रेडिकलाइजेशन के संकेत हैं जिनकी तकनीकी पुष्टि प्लेटफॉर्म स्तर के डेटा से ही संभव है।

UAPA एक्ट के तहत मामला दर्ज..

जांच की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में प्रकरण संख्या 01/25 को गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम UAPA के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत पंजीबद्ध किया गया था और आगे की विवेचना केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के समन्वय में जारी है। ATS अब इंस्टाग्राम मुख्यालय से अपेक्षित महत्वपूर्ण डेटा की प्रतीक्षा कर रही है जिसके उपलब्ध होने के बाद जांच दल को यह समझने में मदद मिलेगी कि यह नेटवर्क किन स्तरों तक सक्रिय था इसमें कौन कौन से छिपे सदस्य शामिल हो सकते हैं और किन बाहरी विदेशी मार्गों का उपयोग संपर्क बनाने में किया गया था। अधिकारी ने कहा कि ये तकनीकी रिकॉर्ड जाँच को निर्णायक दिशा देंगे और नेटवर्क की अप्रकट संरचना को स्पष्ट करेंगे।

ISIS मॉड्यूल मामला ATS UAPA एक्ट छत्तीसगढ़ में ISIS नेटवर्क ISIS Raipur
Advertisment