छत्तीसगढ़ ट्राइबल विभाग पर 50 हज़ार की रोटी मेकर मशीन 8 लाख में खरीदने का आरोप, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

छत्तीसगढ़ के आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग में रोटी मेकर मशीनों की खरीद में घोटाला सामने आया है। आरोप है कि 50-60 हजार रुपये कीमत वाली मशीनें 7.95 लाख रुपये में खरीदी गईं। विभागीय मंत्री रामविचार नेताम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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Arun Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ के आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग (ट्राइबल विभाग) में एक नया घोटाला सामने आया है। आरोप है कि विभाग ने  रोटी मेकर मशीनों की खरीद में बाज़ार मूल्य से कई गुना अधिक राशि खर्च की। जिन मशीनों की असल कीमत महज़ 50–60 हजार रुपये बताई जा रही है, उन्हें करीब 7.95 लाख रुपये प्रति मशीन में खरीदा गया। विभागीय मंत्री रामविचार नेताम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

ये मिली शिकायत :

सूत्रों के अनुसार, शिकायत में कहा गया है कि न केवल रोटी मेकर, बल्कि कंप्यूटर, टेबल, कुर्सी और अन्य उपकरण भी अत्यधिक दामों पर खरीदे गए। बताया जाता है कि ये खरीदारी शासन द्वारा 275(1) मद के तहत भेजी गई राशि से की गई। सोशल मीडिया पर लगातार यह मामला चर्चा में आने के बाद मंत्री रामविचार नेताम ने प्रमुख सचिव (आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग) को नोटिस जारी कर सात दिन में वस्तुस्थिति की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।  

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छत्तीसगढ़ के ट्राइबल विभाग में खरीदारी घोटाले को

ऐसे समझें

घोटाले का आरोप: छत्तीसगढ़ ट्राइबल विभाग पर रोटी मेकर मशीनों की खरीदारी में बाज़ार मूल्य से कई गुना अधिक राशि खर्च करने का आरोप।

मशीनों की कीमत: रोटी मेकर मशीनों की असल कीमत 50-60 हजार रुपये बताई जा रही है, जबकि इन्हें 7.95 लाख रुपये प्रति मशीन में खरीदी गई।

अन्य उपकरणों की भी महंगी खरीदारी: रोटी मेकर मशीन के अलावा, अन्य उपकरण जैसे कंप्यूटर, टेबल और कुर्सी भी अत्यधिक दामों पर खरीदी गईं हैं।

मंत्री ने आदेश दिए: मंत्री रामविचार नेताम ने मामले की जांच के आदेश दिए और अधिकारियों को सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

पहले भी उठ चुके हैं सवाल: ट्राइबल विभाग की खरीदारी नीतियों पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं, जिसमें महंगे दामों पर सामग्री खरीदने का आरोप लगा है।

प्रमुख आरोप

  1. मशीनों की अत्यधिक कीमत: रोटी मेकर मशीन की असल कीमत 50-60 हजार रुपये बताई जा रही है, जबकि विभाग ने उन्हें लगभग 7.95 लाख रुपये में खरीदी।

  2. अन्य उपकरणों की खरीदारी: रोटी मेकर मशीन के अलावा, अन्य उपकरण जैसे कंप्यूटर, टेबल, और कुर्सी भी अत्यधिक दामों पर खरीदी गईं हैं।

  3. खरीदारी में पारदर्शिता का अभाव: विभाग द्वारा सामग्री खरीदने में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया।

  4. सोशल मीडिया पर चर्चा: मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आने के बाद मंत्री ने जांच के आदेश दिए। 

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खरीदी पर सख्त सरकार :

मंत्री के आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि सोशल मीडिया पर विभाग द्वारा बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर सामग्री क्रय किए जाने की शिकायतें लगातार आ रही हैं। आदेश में रायपुर कलेक्टर (आदिवासी विकास) द्वारा प्रयास संस्था में रोटी मेकिंग मशीन और अन्य उपकरण ऊंची कीमत पर खरीदे जाने की शिकायत का भी उल्लेख है।

पूर्व में भी ट्राइबल विभाग की खरीद नीतियों पर सवाल उठ चुके हैं। विभाग पर यह आरोप रहा है कि विभिन्न योजनाओं के नाम पर महंगे दामों पर सामग्री खरीदी जाती है, जबकि गुणवत्ता और पारदर्शिता पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।

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