108 एम्बुलेंस टेंडर में शर्तें ऐसी कि कोई कंपनी पूरी ही नहीं कर पा रही, चहेती कंपनी को फायदा पहुंचाने की तैयारी!

छग में कई शिकायतों के बाद करीब 6 साल बाद 108 संजीवनी एंबुलेंस के लिए नया टेंडर हो रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया में भी बड़ी अनियमितता सामने आ रही है।

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VINAY VERMA
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Raipur. छत्तीसगढ़ में कई शिकायतों के बाद करीब 6 साल बाद 108 संजीवनी एंबुलेंस के लिए नया टेंडर हो रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया में भी बड़ी अनियमितता सामने आ रही है। प्रदेशभर में 350 से अधिक गाड़ियों के संचालन के लिए हो रहे इस टेंडर की शर्त ही ऐसी बनाई गई है कि उसे कोई कंपनी पूरी नहीं कर पा रही है। इस कारण से तीन बार टेंडर कैंसिल हो चुका है। आरोप लग रहा कि या तो विभाग एंबुलेंस संचालन के नए टेंडर का दिखावा कर रहा या किसी खास कंपनी को काम देने की तैयारी है। बता दें कि फिलहाल 108 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस का संचालन जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस कंपनी के पास है जिसकी कार्यप्रणाली को लेकर कई शिकायतें हैं। 

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चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए खेल

108 संजीवनी वाहन के टेंडर में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC ) पर आरोप है कि उसने निविदा की शतों में बार-बार बदलाव कर एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। इस वर्ष 2025 की निविदा में कई ऐसे बदलाव किए गए हैं जिससे निष्पक्षता और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

इन शर्तो पर उठ रहे सवाल

108 Ambulance सर्विसेस के लिए जारी तकनीकी योग्यता, पात्रता शर्ते और अनुभव मानकों में मनमाने बदलाव से गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टेंडर डाक्यूमेंट की पात्रता शर्तो में फेरबदल किसी विशेष संस्था को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है, वर्ष 2018 और 2023 में जारी निविदाओं में सोसाइटी प्रकार की संस्थाओं को भाग लेने की अनुमति नहीं थी, जबकि इस बार इन्हीं संस्थाओं को शामिल किया गया है। इसके विपरीत प्रोप्राइटरशिप कंपनियों को इस बार बाहर कर दिया गया है। यह निर्णय पूरी तरह असमान और नियमों के विरुद्ध बताया जा रहा है। इसके अलावा अनुभव से जुड़ी पात्रता शर्तों में भी बदलाव किया गया है। 

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पहला टेंडर कैंसिल

अप्रैल 2025 में जारी पहले टेंडर में 15 संस्थाओं ने भाग लिया था। तकनीकी मूल्यांकन में कैंप संस्था को सर्वाधिक 92 अंक मिले थे, जबकि ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को 87 अंक और जय अंबे को 78 अंक। नियमों के अनुसार कैंप संस्था को अनुबंध मिलना तय था, लेकिन वित्तीय प्रस्ताव खोलने से पहले ही सीजीएमएससी ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर निविदा रद्द कर दिया।

दूसरा टेंडर भी कैंसिल

जुलाई 2025 में शर्तों में संशोधन कर दिया गया। अनुभव, कारोबार और वाहन संख्या से संबंधित अंक की गणना इस तरह तय की गई कि वही एक कंपनी पात्र बने। आपत्ति के बाद यह टेंडर कैंसिल हो गया। 

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अब अनुबंध करने की तैयारी

सितंबर 2025 में तीसरा टेंडर निकला लेकिन आपत्ति के बाद भी शर्तें दोहराई गईं। 8 संस्थाओं ने फिर लिखित आपत्ति दी, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ। जिसके बाद केवल एक ही कंपनी ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज ने बोली लगाई। विभाग अब इसी एक कंपनी को अनुबंध देने की तैयारी में है, जबकि नियमों के अनुसार एक ही बोलीदाता होने पर पुन निविदा जारी करना अनिवार्य होता है।

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