35 हज़ार करोड़ के अनुपूरक बजट में आधे से ज्यादा हिस्सा फ्रीबीज का, बचे हुए फंड से डेवलपमेंट

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा 35,000 करोड़ का अनुपूरक बजट लेकर आई है। इस बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा छत्तीसगढ़ में चल रही फ्रीबीज योजनाओं के लिए समर्पित है।

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Arun Tiwari
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Raipur. छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा 35,000 करोड़ का अनुपूरक बजट लेकर आई है। इस बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा छत्तीसगढ़ में चल रही फ्रीबीज योजनाओं के लिए समर्पित है। यह वही योजनाएं है जो विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी ने की थीं।

इनको ही मोदी की गारंटी कहा गया था। अब इन योजनाओं पर सरकार का आधे से ज्यादा बजट खर्च हो रहा है। इन योजनाओं में बोनस समेत किसानों को मिलने वाली अन्य मुफ्त की सुविधाएं और महतारी वंदन खासतौर पर शामिल हैं।

किसानों पर लुटाया बजट :

 - कृषि उन्नति योजना के लिए 2,000 करोड़ 
- किसानों को 5 एचपी तक के पंपों के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने 1,700 करोड़ की राशि
-  किसानों को बिना ब्याज के ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 187 करोड़ 
- फसल जोखिम से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ₹122 करोड़ का प्रावधान 
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए  35 करोड़ 
-  बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर के भवन निर्माण के लिए 4 करोड़ 
- बोनस के साथ धान खरीदी के लिए मार्कफेड को 12,424 करोड़ रुपये।

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महतारी वंदन के लिए फंड:

महतारी वंदन योजना के लिए अनुपूरक बजट में 2,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।  इसके साथ ही मातृ एवं शिशु पोषण, प्रारंभिक बाल देखभाल और आंगनबाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के अंतर्गत अनुपूरक में ₹225 करोड़ का प्रावधान किया गया है।  

बाकी फंड विकास के लिए:

- औद्योगिक विकास  के लिए 360 करोड़ का प्रावधान
- ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी करने के लिए ग्रामीण सड़क कार्यक्रम (आरआरपी फेज-2)  - 175 करोड़
-  चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट रेल लाइन परियोजना के लिए 86 करोड़ 
- खाद्य सुरक्षा एवं पोषण व्यवस्था में पिछली सरकार द्वारा छोड़े गए लंबित भुगतानों के निपटान के लिए - 19,224 करोड़ का प्रावधान किया गया है,

-  इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत ₹6,800 करोड़ का प्रावधान 
 
-  सड़क सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण को बेहतर करने राज्य के सभी जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों तक फायर वाहन एवं आधुनिक अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था -  154 करोड़ 

- ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरा प्रणाली के लिए - 75 करोड़ 
-  परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के निर्माण -  12 करोड़ 
- इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने - 35 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान 

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- औद्योगिक विकास को नई गति देने के लिए -   360 करोड़  
-  राज्य में नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए - 80 करोड़ 
- ग्रामीण क्षेत्रों में आवास उपलब्ध कराने -   1,000 करोड़ 

-  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - 378 करोड़ 
- स्वच्छ भारत मिशन - 150 करोड़ 
- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान- के 40 करोड़ 
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन- क 286 करोड़

पूंजीगत व्यय में इजाफा: 

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद बीते 25 वर्षों में पूंजीगत व्यय में लगभग 55 गुना की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहाँ पूंजीगत व्यय ₹13,320 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर ₹15,419 करोड़ और 2024-25 में ₹20,055 करोड़ तक पहुँचा।

मुख्य बजट 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए ₹26,341 करोड़ का प्रावधान किया गया है, साथ ही अनुपूरक बजट में अतिरिक्त ₹2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

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