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Photograph: (the sootr)
BIJAPUR.छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का अबूझमाड़ इलाका बहुत दूर और कठिन पहुंच वाला क्षेत्र है। यहां आज भी ठीक से इलाज की सुविधाएं नहीं हैं। हाल ही में इस इलाके में डायरिया फैल गया। इस कारण ही घोट और रेकावाया गांवों में पांच लोगों की मौत हो गई।
खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। गांव में रात में बिजली नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग के अमले ने टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया। यह हालत बताती है कि सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि इलाके की बदहाली भी मौत का कारण बनी है।
दस किमा पैदल चली स्वास्थ्य विभाग की टीम
अबूझमाड़ के डूंगा पंचायत के घोट और रेकावाया गांवों में यह बीमारी तीन दिन से ज्यादा से फैली हुई थी। लोगों को जब उल्टी-दस्त के लक्षण दिखे, तो उन्हें जरूरी डॉक्टर की मदद (Medical Aid) नहीं मिल पाई।
इलाका इतना मुश्किल है कि हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम के लिए भी वहां पहुंचना आसान नहीं था। टीम को पहले इंद्रावती नदी को नाव से पार करना पड़ा। इसके बाद गांव तक जाने के लिए करीब 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
मेडिकल टीम जब बुधवार देर रात घोट गांव पहुंची, तो उन्हें एक झोपड़ी में संचालित स्कूल में अस्थायी शिविर लगाकर इलाज शुरू करना पड़ा। बिजली न होने के कारण मेडिकल स्टाफ को टॉर्च की रोशनी में ही मरीजों का उपचार करना पड़ रहा था।
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कितनी मौतें हुईं और क्यों फैली बीमारी?
घोट गांव में तीन और रेकावाया गांव में दो लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है। शुरुआती जांच में पता चला है कि घोट गांव में कुछ दिन पहले एक मृत्यु भोज का कार्यक्रम हुआ था। वहां सबने एक साथ खाना खाया। उसके बाद ही कई लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई।
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह बीमारी खराब (दूषित) पानी या खराब खाने की वजह से फैली होगी। ऐसे दूर-दराज के इलाकों में ऐसी बीमारियों का असली जड़ यही दूषित पानी और खाना ही होता है।
अबूझमाड़ क्षेत्र में फैली बीमारी और विकास को ऐसे समझें
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कलेक्टर ने माना देर से मिली खबर
कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई ने माना कि मामला बहुत गंभीर है। उन्होंने बताया कि नेटवर्क की दिक्कत के चलते खबर थोड़ी देर से मिली। मगर, जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीमें उन इलाकों में भेज दीं।
जो ग्रामीण बहुत ज्यादा बीमार थे, उन्हें अच्छे इलाज के लिए भैरमगढ़ स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है। टीमें गांवों में जरूरी दवाइयां, ओआरएस के पैकेट बांट रही हैं और साथ ही यह भी चेक कर रही हैं कि पानी के स्रोत (Water Sources) में कोई खराबी तो नहीं है।
ग्रामीणों को उबला हुआ पानी पीने, साफ-सफाई बनाए रखने और लक्षण दिखते ही तुरंत सूचित करने की सलाह दी जा रही है।
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अबूझमाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियां
| चुनौती | विवरण |
|---|---|
| सड़क मार्ग | पूरी तरह अनुपलब्ध |
| संचार सुविधा | अत्यंत कमजोर |
| स्वास्थ्य केंद्र | दूर-दराज़ में स्थित |
| परिवहन | नदी पार नाव से |
| बिजली | नहीं |
डायरिया के प्रमुख लक्षण
लगातार उल्टी
बार-बार पतला दस्त
शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
चक्कर आना या कमजोरी
तेज बुखार (कुछ मामलों में)
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