अरुण तिवारी@RAIPUR. छत्तीसगढ़ में घूसखोरी का खुला खेल चल रहा है। सरकारी नुमाइंदे लोगों के छोटे-छोटे काम के लिए रिश्वत मांग रहे हैं। पैसे दिए बिना न तो जमीन का सीमांकन हो रहा है और न ही उसका डायवर्सन। सरकारी लोगों ने हर काम करने के रेट तय कर रखे हैं। इस रिश्वत (Bribe) के खेल का पता एंटी करॅप्शन ब्यूरो ( Anti Corruption Bureau) की छापामार कार्रवाई से चल रहा है। एसीबी ने छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में 5 अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। किसान की जमीन के लिए राजस्व निरीक्षक ने एक लाख रुपए एडवांस की मांग की थी। वहीं जमीन के डायवर्सन के लिए पैंतीस हजार रुपए मांगे गए थे। इन लोगों की शिकायतों के आधार पर एसीबी ने इन सरकारी अधिकारी- कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा। सरकार ने इन रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
बिलासपुर में रिश्वतखोर आरआई
बिलासपुर जिले के तोरवा गांव के प्रवीण कुमार को अपनी जमीन का सीमांकन कराना था। उनके बार-बार आवेदन देने के बाद भी जमीन का सीमांकन नहीं हो पा रहा था। प्रवीण कुमार ने अपने काम के लिए राजस्व निरक्षक संतोष कुमार देवांगन से संपर्क किया। संतोष कुमार ने प्रवीण से जमीन के सीमांकन के लिए ढाई लाख रुपए की मांग की। एडवांस के रुप में एक लाख रुपए मांगे। संतोष ने कहा कि वो एक लाख रुपए लेकर उनके पास आवेदन लेकर आए और बाकी काम होने के बाद तत्काल देना पड़ेगा। प्रवीण ने इसकी सूचना एसीबी को दी। एसीबी ने संतोष कुमार देवांगन को एक लाख रुपए के साथ रंगे हाथों दबोच लिया।
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इंजीनियर पचास हजार लेते हुए गिरफ्तार
जगदलपुर जिले के तुषार देवांगन का कोंडागांव में स्टॉपडेम बनाने का काम चल रहा था। इसके सप्लीमेंटरी ईश्यु और टर्मिनेशन लेटर के निराकरण के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर टीआर मेश्राम ने सात लाख रुपए रिश्वत की मांग की। पहली किश्त के रुप में पचास हजार रुपए लेकर आने को कहा। तुषार ने इसकी खबर एसीबी को कर दी। एसीबी ने मेश्राम को पचास हजार रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
जमीन के डायवर्सन के लिए मांगे पैतीस हजार
अंबिकापुर के वसीम बारी वीरेंद्र नगर में स्थित अपनी जमीन का औद्योगिक रुप में डायवर्सन कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी के पास आवेदन दिया। अनुविभागीय अधिकारी ने नो ड्यूज के लिए इस आवेदन को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग कार्यालय को भेजा। यहां पर सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान और सहाकर मानचित्रकार निलेश्वर कुमार धुर्वे ने अनापत्ति प्रमाणपत्र बनाने के लिए पैंतीस हजार रुपए मांगे। वसीम बारी ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत एसीबी से की। जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस कार्यालय की भ्रष्ट कार्यशैली से लोग लंबे समय से परेशान थे। यहां बिना रिश्वत दिए कोई भी काम नहीं होता था।
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डिप्टी रेंजर को 5 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
यह मामला रायगढ़ जिले का है। जगमोहन मांझी झाड़फूंक का काम करता है। झाड़फूंक कर वो जंगल से वापस लौट रहा था। जहां पर उसे डिप्टी रेंजर मिलन भगत मिला। रेंजर ने उसे जंगली मुर्गा मारने के केस में जेल भेजने की धमकी दी। इसके लिए उसने आठ हजार रुपए मांगे। जगमोहन ने अपने पास रखे तीन हजार रुपए उसको दे दिए। भगत ने बाकी रुपए लेकर आने को कहा। जगमोहन की शिकायत पर एसीबी ने डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
छत्तीसगढ़ में रिश्वत के मामले, रिश्वतखोर अधिकारी पर कार्रवाई, एंटी करॅप्शन ब्यूरो, रायपुर न्यूज
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