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Raipur. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में कई अहम मुद्दों को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने राशन कार्ड, जमीन घोटाला, सड़क मरम्मत और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े मामलों पर सरकार को घेरा। प्रश्नकाल से लेकर चर्चा के दौरान माहौल काफी गरम रहा।
राशन कार्ड परिवर्तन पर विवाद
भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने एपीएल से बीपीएल राशन कार्ड परिवर्तन के मुद्दे पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल को कठघरे में खड़ा किया। सुशांत शुक्ला ने अपनी ही सरकार पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि एपीएल कार्ड डिलीट कर बीपीएल कार्ड बनाए गए हैं और इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है।
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का एपीएल से बीपीएल कार्ड में परिवर्तन नहीं हुआ है। जांच में केवल 19 राशन कार्ड में गड़बड़ी पाई गई है, जिनमें से 4 मामलों में जोन क्रमांक-4 के जोन कमिश्नर की अनुशंसा पर कार्रवाई की गई है, जबकि बाकी मामलों की जांच अभी जारी है।
इस जवाब से असंतुष्ट सुशांत शुक्ला ने फिर आपत्ति जताई। वहीं, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इस पूरे मामले पर आधे घंटे की चर्चा की मांग रखी। विधायक धर्मजीत सिंह ने विधानसभा या हाई पावर कमेटी से जांच कराने की मांग की, जबकि धरमलाल कौशिक ने सदन को गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग उठाई।
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जैतूसाव मठ की जमीन और भूमाफिया मामला
विधायक इंद्र कुमार साहू ने जैतूसाव मठ की जमीन बेचे जाने का मामला सदन में उठाया। इस पर मंत्री राजेश अग्रवाल ने स्वीकार किया कि रायपुर में 10 जमीनों को भूमाफियाओं द्वारा बेचा गया है।
मंत्री ने बताया कि इनमें से दो मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं, जबकि आठ मामलों में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। विधायक ने इस पूरे प्रकरण की सचिव स्तर की समिति से जांच कराने की मांग की।
सड़क मरम्मत को लेकर तीखी बहस
प्रश्नकाल के दौरान सड़क मरम्मत के मुद्दे पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक हर्षिता बघेल ने डोंगरगढ़ क्षेत्र सहित राजनांदगांव और खैरागढ़ जिलों की जर्जर सड़कों को लेकर लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के जवाब पर सवाल खड़े किए।
मंत्री अरुण साव ने बताया कि दोनों जिलों में कुल 48 सड़कें चिन्हित की गई हैं। इनमें से 39 सड़कों के टेंडर हो चुके हैं, 4 सड़कों का काम पूरा हो गया है और 5 पर काम शुरू होना बाकी है। इस पर हर्षिता बघेल ने आरोप लगाया कि जमीनी स्तर पर किसी भी सड़क पर काम शुरू नहीं हुआ है और मंत्री सदन को गलत जानकारी दे रहे हैं।
विवाद बढ़ने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मंत्री द्वारा दी गई जानकारी को रिकॉर्ड में लिया जाएगा और वही आधिकारिक मानी जाएगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी।
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कैंसर क्लिनिक और सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल का मुद्दा
जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव ने महारानी अस्पताल में प्रस्तावित कैंसर क्लिनिक और सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल के निर्माण में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 12 जून 2025 को स्वीकृति मिलने के बावजूद अब तक केवल टेंडर प्रक्रिया ही चल रही है।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब दिया कि डीपीआर निजी एजेंसी से तैयार कराई जाती है और ईएनसी के माध्यम से स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व प्रवास के दौरान माताओं के लिए एमआरडी भवन की मांग के बाद उसमें भी स्वीकृति जोड़ी गई है।
दोबारा सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि कैंसर क्लिनिक और सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल दोनों के निर्माण कार्य जनवरी से शुरू कर दिए जाएंगे।
कुल मिलाकर, विधानसभा के तीसरे दिन राशन, सड़क, जमीन और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर जमकर बहस हुई और कई मामलों में जांच व कार्रवाई के आश्वासन दिए गए।
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