छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र 14 दिसंबर से: बीजेपी विधायकों ने बनाई अपने ही मंत्रियों को घेरने की रणनीति

छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में नए विधानसभा भवन में 14 दिसंबर से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है। इस सत्र में बीजेपी विधायकों द्वारा मंत्रियों को घेरने के लिए 628 सवाल लगाए गए हैं।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब एक बड़ा उबाल आने वाला है। नवा रायपुर में बने नए विधानसभा भवन में 14 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इस छोटे से सत्र में बड़े-बड़े राजनीतिक मुद्दे गरमाएंगे, क्योंकि विधायक पूरी तैयारी से आ रहे हैं।

इस विधानसभा सत्र में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा विधायक भी अपने ही मंत्रियों को घेरेंगे। इस छोटे से सत्र के लिए भाजपा और कांग्रेस विधायकों ने छह सौ से अधिक प्रश्न लगाए हैं। इस सत्र की शुरुआत 'विकसित भारत 2047' के छत्तीसगढ़ विजन पर चर्चा के साथ होगी। यह विजन डॉक्यूमेंट राज्य के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप है, जिस पर गहन मंथन जरूरी है।

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विधायकों के तेवर तल्ख, लगाए 628 सवाल

इस बार में साय मंत्रिमंडल को केवल कांग्रेस के विधायकों के साथ ही बीजेपी विधायक भी घेरने की तैयारी में हैं। विधायकों ने मंत्रियों से सवाल-जवाब करने के लिए कुल 628 सवाल लगाए हैं। चार दिन के सत्र के लिए अपने आप में बड़ी संख्या है।

इनमें 604 सवाल तो ऑनलाइन माध्यम से आए हैं, जो डिजिटल युग में विधायकों की सक्रियता दिखाते हैं। केवल 24 सवाल ही ऑफलाइन तरीके से लगाए गए हैं। सवालों की इतनी बड़ी संख्या बताती है कि छोटे सा यह सत्र कितना हंगामाखेज रहने वाला है।

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र को ऐसे समझें 

  • नवा रायपुर के नए विधानसभा भवन में शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन 'छत्तीसगढ़ विजन' पर चर्चा होगी।
  • इस छोटे से चार दिवसीय सत्र में 628 प्रश्न लगाए गए हैं। ये सवाल कांग्रेस और बीजेपी (सत्ता पक्ष) के विधायकों ने पूछे हैं।
  • मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ कानून-व्यवस्था, किसानों की धान खरीदी और सड़कों की बदहाली जैसे मुद्दे गरमाएंगे।
  • विधायक मंत्रियों को घेरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जिससे साय मंत्रिमंडल को सदन में कड़े सवालों का सामना करना पड़ेगा।
  • सचिवालय के नियमों के अनुसार, विधायक ध्यानाकर्षण और स्थगन सूचनाएं दाखिल कर सकेंगे, जिसकी सीमाएँ तय की गई हैं।

लॉ एंड ऑर्डर, धान और सड़कें बनेंगे मुख्य मुद्दे

इन 628 सवालों की लिस्ट बताती है कि विधानसभा में कौन-कौन से मुद्दे जोर पकड़ेंगे। कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार को कड़े सवालों का सामना करना पड़ेगा। धान खरीदी से जुड़ी अव्यवस्थाएं और किसानों की समस्याएं भी अहम मुद्दा होंगी।

इसके अलावा, राज्य की सड़कों की बदहाली और राशन वितरण में हुई गड़बड़ियां भी सदन में उठाई जाएंगी। नवा रायपुर का यह नया भवन अगले चार दिनों तक तीखी राजनीतिक बहसों का अखाड़ा बनने वाला है। यह सत्र जनता के मुद्दों पर मंत्रियों की जवाबदेही तय करने का एक अहम मौका है। 

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नए नियमों के दायरे में होगी बहस

विधानसभा सचिवालय ने इस सत्र के लिए कुछ नियम पहले से ही तय कर दिए हैं। 14 दिसंबर को सदन शुरू होने से पहले, विधायकों को सुबह 8 बजे तक ही अपने नोटिस दाखिल करने की अनुमति होगी।

विधायक तीन तरह की सूचनाएं दे सकेंगे,ध्यानाकर्षण सूचना,स्थगन सूचना और नियम 267-क के अधीन सूचनाएं। एक सदस्य एक दिन में अधिकतम दो ध्यानाकर्षण सूचनाएं और एक स्थगन नोटिस ही दे सकता है। पूरे सत्र के दौरान, अधिकतम छह ध्यानाकर्षण और तीन स्थगन नोटिस ही स्वीकार किए जाएंगे।

सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि पूरी कार्यवाही नए विधानसभा भवन में होगी। यह राज्य के लिए एक नई शुरुआत है। इससे पहले, पुराना सत्र 18 नवंबर को पुराने भवन में शुरू हुआ था, जिसे अब यहां आगे बढ़ाया जा रहा है।

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