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Raipur. छत्तीसगढ़ में बीएससी नर्सिंग 2025-26 में एडमिशन के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन कठोर परसेंटाइल कटऑफ (Percentile Cutoff) के कारण राज्य की 53 प्रतिशत सीटें अब भी खाली पड़ी हैं। कुल 7811 सीटों में से 4147 सीटें रिक्त रह जाने से छात्रों के भविष्य और नर्सिंग शिक्षा संस्थानों पर संकट मंडरा रहा है।
सीटें भरने की गंभीर चुनौती को देखते हुए, छत्तीसगढ़ निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ ने राज्य सरकार से दो प्रमुख मांगें की हैं:
- PNT (प्री-नर्सिंग टेस्ट) प्रवेश परीक्षा में परसेंटाइल कटऑफ को खत्म कर शून्य परसेंटाइल किया जाए।
- एडमिशन की अंतिम तिथि 30 नवंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक की जाए।
इस संबंध में स्वास्थ्य संचालक ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) को एक पत्र भेज दिया है, जिसके बाद बीएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के नियमों में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं।
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आदिवासी बहुल राज्य में परसेंटाइल बड़ी चुनौती
स्वास्थ्य विभाग ने INC को भेजे गए अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्य में छात्रों के लिए उच्च परसेंटाइल हासिल करना एक बड़ी चुनौती है। विभाग का कहना है कि इसी कारण बड़ी संख्या में ऐसे छात्र, जो INC के बेसिक योग्यता मानक (PCB में 40-45% अंक) पूरे करते हैं, वे भी केवल परसेंटाइल की बाध्यता के कारण प्रवेश से बाहर रह जाते हैं।
इस साल भी सीटें बड़ी संख्या में खाली रहने के कारण छात्रों को मौका देने के लिए परसेंटाइल बाध्यता हटाने और एडमिशन की तारीख बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
| विवरण | संख्या / मानक |
| कुल बीएससी नर्सिंग सीटें | 7811 (लगभग) |
| खाली सीटें | 4147 (कुल सीटों का 53%) |
| INC बेसिक योग्यता (PCB) | सामान्य: 45%; आरक्षित वर्ग: 40% |
| वर्तमान PNT परसेंटाइल कटऑफ | जनरल: 50 परसेंटाइल; आरक्षित वर्ग: 40 परसेंटाइल |
कॉलेजों का तर्क है कि आदिवासी क्षेत्रों के अधिकांश छात्र PNT की इस कठोर कटऑफ तक नहीं पहुंच पाते, जबकि वे 12वीं (PCB) के न्यूनतम अंकों को पूरा करते हैं।
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पहले भी मिल चुकी है परसेंटाइल में छूट
यह पहली बार नहीं है जब बीएससी नर्सिंग प्रवेश में नियमों की वजह से परेशानी आई हो। पिछले वर्ष बड़ी संख्या में सीटें खाली रहने के कारण एडमिशन प्रक्रिया को फरवरी तक खींचना पड़ा था और 5 परसेंटाइल पर एडमिशन पूरा किया गया था। इससे पहले भी कई वर्षों तक सीटें रिक्त रहने पर न्यूनतम अंक (परसेंटाइल) की शर्त को पूरी तरह से समाप्त किया जाता रहा है। लगभग 6 साल पहले बीएससी नर्सिंग शिक्षा में सुधार के लिए कठोर परसेंटाइल नियम लागू किया गया था, लेकिन यह लगातार एक भी साल पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाया है।
काउंसिल की मंजूरी का इंतजार
निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ का कहना है कि नए संस्थानों में सीटें बढ़ने के बावजूद, कठोर कटऑफ के कारण छात्रों का प्रवेश रुक रहा है।राज्य सरकार की पहल पर अब गेंद इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) के पाले में है। INC से प्रस्ताव को स्वीकृति मिलते ही, राज्य के छात्रों को 31 दिसंबर 2025 तक खाली पड़ी सीटों पर एडमिशन का मौका मिल जाएगा, जिससे नर्सिंग शिक्षा की सीटें भरने में आसानी होगी और हर साल होने वाली नियमों की उलझन समाप्त होगी।
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