RAIPUR. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बीच नेताओं के कांग्रेस छोड़ने वाले सिलसिला थमते नहीं दिख रहा है। नाराजगी और अपेक्षा का आरोप लगाते हुए नेता लगातार कांग्रेस को अलविदा कह रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां से कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा (Radhika Kheda) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।,
स्थानीय नेताओं की बदसलूकी पर नाराजगी जताते हुए राधिका खेड़ा ने कांग्रेस छोड़ी (Radhika Kheda left Congress) है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बार-बार शीर्ष नेताओं को उनके अपमान के बारे में बताया लेकिन इसके बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला। इसी बात से आहत होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया।
आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ।
— Radhika Khera (@Radhika_Khera) May 5, 2024
हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ।
अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी। pic.twitter.com/6hjgSDcXV0
अपने इस्तीफे में राधिका खेड़ा ने लिखा...
राधिका खेड़ा ने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए लिखा है, 'आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं और अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं। हां मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं। अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी।'
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रामलला के दर्शन की वजह से अपमान का दावा
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपे अपने इस्तीफे में कहा है कि आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं। हर हिंदू के लिए प्रभु राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई। मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुँच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया।
मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया। प्रभु श्री राम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूँ। बार बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है।
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क्या पूरा मामला
दरअसल, कुछ दिनों पहले कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के नेताओं के बीच विवाद हुआ था। नेताओं में यह विवाद मीडिया में बयान देने को लेकर हुआ था। कहा जा रहा है कि रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में राधिका खेड़ा स्थानीय नेताओं और प्रवक्ताओं के साथ मौजूद थीं, विवाद तभी हुआ। अब कांग्रेस छोड़ने के बाद राधिका के बीजेपी शामिल होने की अटकलें तेज है।
पार्टी में महिलाओं के अपमान का आरोप
बता दें, इससे पहले भी राधिका खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट कर पार्टी में महिलाओं के अपमान का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, कौशल्या माता के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं है। पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं। खुलासा करूंगी !।