प्रकृति से बनाया अनोखा रिश्ता, पेड़ किसी की मां किसी का पति

रमाकांत के पिता और दादी पेड़ है। वहीं कुमारी बाई का पति नीम का एक पेड़ है। कुमारी रोज उससे मिलने जाती हैं, उसकी पूजा करती हैं और पास बैठकर घंटों बातें करती हैं...

Advertisment
author-image
Amresh Kushwaha
New Update
पेड़ किसी की मां किसी का पति
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के एक गांव में लोगों ने प्रकृति से अनोखा रिश्ता बनाया है। दुर्ग के पीसेगांव में लगभग सभी लोगों का पेड़ों से अजब रिश्ता है। यहां शिवनाथ नदी के तट पर बसे इस गांव में ज्यादातर पेड़ किसी न किसी के रिश्तेदार हैं। कोई पेड़ किसी का पति तो किई किसी की मां है।

ये खबर भी पढ़िए...सरकारी हॉस्टल में नाबालिग छात्रा गर्भवती, वार्डन ने घर भेजकर परिजनों से कराया गर्भपात

परिजनों के नाम पर लगाते हैं पेड़

गांव के लोग अक्सर इन पेड़ों से मिलने जाते हैं। इन्हें गले लगाते हैं और इनसे बातें करते हैं। आपको बता दें कि लोग अपनों के इस दुनिया से चले जाने के बाद उनकी याद में, उनके नाम से पेड़ लगाते हैं। पेड़ को अपना मान कर देखभाल भी करते हैं। साथ ही घंटों इन पेड़ों के पास बैठकर परिजनों के पास होने का एहसास करते हैं।

ये खबर भी पढ़िए...रायपुर में महिला डॉक्टर के पिटबुल डॉग्स का जानलेवा हमला, एक ने हाथ खाया दूसरे ने पैर

पेड़ लगाना अब एक परंपरा है

अब यह गांव की एक परंपरा बन गई है। गांव में ऐसे करीब एक हजार ज्यादा लोग हैं, जिनके पेड़ों से रिश्ते हैं। लगभग 50 साल की कुमारी बाई का पति नीम का एक पेड़ है। कुमारी रोज उससे मिलने जाती हैं, उसकी पूजा करती हैं और पास बैठकर घंटों बातें करती हैं। वहीं रमाकांत देशमुख ने अपने पिता विश्वनाथ और अपनी दादी की याद में पेड़ लगाए। इसके अलावा नोखे राम के आपने माता-पिता के नाम पर पीपल और बरगद के पेड़ लगाए हैं।

ये खबर भी पढ़िए...Anant Radhika Wedding : आशीर्वाद देने पहुंचे पीएम मोदी, 2 घंटे 40 मिनट रहे, डिनर किया; वर-वधु को गिफ्ट दिया

शादी और जन्मदिन में भेंट किया जाता है पौधा

रमाकांत देशमुख बताते हैं गांव के मुक्तिधाम के पास पेड़ कटते जा रहे थे। इसे रोक रोकने के लिए 31 जुलाई 2011 को पौधरोपण अभियान शुरू हुआ। अब शादी, जन्मदिन में एक-दूसरे को पौधा भेंट करते हैं।

ये खबर भी पढ़िए...डोनाल्ड ट्रंप पर चुनावी रैली में फायरिंग, बाल- बाल बचे

बांस से करते हैं पौधों की सुरक्षा

मुक्तिधाम में उपयोग होने वाले बांस, कफन से पौधों का सुरक्षा घेरा बनाकर मटके में पौधा लगाते हैं। वहीं अंतिम संस्कार के समय बांस ना जलाने का संदेश भी दिए गए है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

cg news in hindi पेड़ किसी की मां किसी का पति CG News